Tuesday 19 November 2013

घरेलू शौचालय होने पर नगर निकाय और पंचायत के चुनाव में तकदीर अजमा सकते हैं: मुख्यमंत्री




मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि नगर निकाय के चुनाव के पूर्व कानून बनाया गया। जो नगर निकाय के चुनाव लड़ने वाले हैं। उनको दो बच्चे रहने का प्रमाण देना पड़ेगा। इसका खासा असर पड़ा। अब नगर निगम के अलावे पंचायत स्तर तक दायरा बढ़ा दिया गया है। यहां पर जिनके पास घरेलू शौचालय होगा। तब जाकर नगर निकाय और पंचायत के चुनाव में तकदीर अजमा सकते हैं।

पटना। बिहार में सिर्फ 20 प्रतिशत शौचालय निर्माण कराया गया है। इसका मतबत देशभर में निर्मित शौचालय की तुलना में 80 प्रतिशत पीछे है। जो शौचालय निर्माण भी किया गया है। उसे चालू अवस्था में रख नहीं आये हैं। महानगरों की तरह डिलक्स टॉयलेट नहीं बना पाएं हैं। आज भी कमाऊं पैखाना है।

विश्व शौचालय दिवस पर नीतीश कुमार बोले कि जिनके पास घरेलू शौचालय नहीं होगा। ऐसे लोग पंचायत और नगर निकाय का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। बिहार में पहले से ही देवालय से अधिक शौचालय है। वर्ष 2007 से ही वाल राइटिंग करके वृहत प्रचार किया गया है। आप जाकर दीवारों पर देख सकते हैं। नारा लिखा गया है। उसी को सफल बनाना है। उसमें सरकार भी सहयोग कर रही है। मनरेगा से भी राशि दी जा रही है। कुल मिलाकर 10 हजार रू. का शौचालय निर्माण करना है।

 आगे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि नगर निकाय के चुनाव के पूर्व कानून बनाया गया। जो नगर निकाय के चुनाव लड़ने वाले हैं। उनको दो बच्चे रहने का प्रमाण देना पड़ेगा। इसका खासा असर पड़ा। अब नगर निगम के अलावे पंचायत स्तर तक दायरा बढ़ा दिया गया है। यहां पर जिनके पास घरेलू शौचालय होगा। तब जाकर नगर निकाय और पंचायत के चुनाव में तकदीर अजमा सकते हैं।


आलोक कुमार