Saturday 9 January 2016

ट्रैक्टर चालकों को किराया देकर समान ढो रहे हैं विस्थापित

पटना। वर्ष 2016 में खुशी और गम में हैं बिन्द टोली के विस्थापित लोग। जनवरी माह की सर्द रात जारी है। इसी अवस्था में विस्थापित होने और पुनवार्सित होने का कार्य अंजाम दे रहे हैं। यूँ कहा जाए कि लोग बिन्द टोली के आशियाना तोड़ रहे हैं और कुर्जी मोड़ बिन्द टोली में घर बना रहे हैं। आशियाना तोड़ने और घर बनाने के बीच में ‘पेंडुलम’ की तरह डोल रहे हैं। 

दीघा-सोनपुर गंगा रेल ब्रिज की बाधक बिन्द टोली के लोगों को समान ढोने में प्रशासन ने ट्रैक्टर की व्यवस्था कर दी थी। प्रशासन ने ट्रैक्टर चालकों को 500 रू0 थमाकर काम निकाला।एक-दो दिन चालकों ने प्रशासन को सहयोग दिए। अब असहयोग करना शुरू कर दिया है। इसका असर समान ढोने पर पड़ा। इसके कारण विस्थापित लोग न घर के और न ही घाट के रह गए हैं। अब खुद ही विस्थापित लोग ट्रैक्टर चालकों को किराया देकर समान ढो रहे हैं। ट्रैक्टर चालक प्रति खेप 500 रू0डकार रहे हैं। 

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।

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