Thursday 30 January 2014

सीधे सादे लोगों के द्वारा प्रेषित सादा कागज पर के आवेदनों को तवज्जों नहीं देते



नालंदा। अपनी समस्याओं को खुद ही निपटाने के मूड में हैं, अपना बिहार के लोग। नालंदा जिले से सबसे पहले पहल की गयी है। और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र शुरू कर दिया गया है। नालंदा जिले के जिला समन्वयक चन्द्रेशखर बताते हैं कि इस जिले के एकंगर सराय और हिलसा प्रखंड के अधिकारी सीधे सादे लोगों के द्वारा प्रेषित सादा कागज पर के आवेदनों को तवज्जों नहीं देकर रद्दी की टोकरी में फेंक देते हैं। अगर यह सच है कि तो जरूर ही गंभीर बात है। इस ओर प्रशासन की ओर सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
 पैक्स के सहयोग से प्रगति ग्रामीण विकास समिति के जिला समन्वयक चन्द्रशेखर ने कहा कि नालंदा जिले के एकंगर सराय और हिलसा प्रखंड में कार्य किया जाता है। दोनों प्रखंडों से आवासीय भूमिहीनों के हजारों की संख्या में आवेदन पेश किया गया है। जो अंचल कार्यालय के द्वारा आवेदनों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कभी कर्मचारी तो कभी अमीन नहीं रहने की बात कह कर टहला दिया जाता है।
जिला समन्व्यक चन्द्रेशखर ने कहा कि ग्रामीण अंचल के द्वारा प्रेषित आवेदनों को मजबूती प्रदान करने के लिए गांव-गांव में बने भूमि अधिकार मोर्चा और ग्राम ईकाई गांव स्तरीय मुहर बनायी गयी है। इस तरह के नयापन इनोवेशन कार्य करने से लोगों के द्वारा प्रयास करने पर ताकत प्राप्त होगा। अपने आवेदनों पर मुहर लगाकर कार्यालय में पेश करेंगे। इस तरह के प्रस्ताव आने पर लोगों ने सहर्ष स्वीकार किया गया है।
 कार्यकर्ता मंजू देवी ने कहा कि धनहर पंचायत के धनहर गांव में वासभूमि संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष बबीता रानी है। यहां पर मुहर बनायी गयी है। मोर्चा का नाम, पंचायत का नाम, सचिव और अध्यक्ष उल्लेखीत है। जमुवामा पंचायत के लतातक बीघा के अध्यक्ष राजेश कुमार है। अब इन्हीं लोगों के नाम और हस्ताक्षर से आवेदनों को कार्यालयों में प्रेषित किया जाएगा।
 अब देखना है कि जिन 4 गांवों में भूमि अधिकार मोर्चा की मुहर बनायी गयी है। उस गांव के द्वारा प्रेषित आवेदनों का क्या परिणाम सामने रहा है। यह अपने आप में नयापन कृत्य हैं।

आलोक कुमार