
उस समय की बात है जब पटना धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष पद पर अंग्रेजों का कब्जा था। इस पद पर कई दशक तक अंग्रेज अगस्टीन विल्डरमूथ, येसु समाजी काबिज रहें। रोम में रहने वाले पोप धर्माध्यक्ष की खोज करने लगे। कारण कि अंग्रेज धर्माध्यक्ष बुजुर्ग हो गये थे। बिहार में धरती के लाल की खोज होने लगी। उस समय सशक्त दावेदार बीजे ओस्ता और जेबी ठाकुर थे। तब रोम के पोप ने पटना धर्माप्रांत को विभक्त कर मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत बना दिया। इस तरह पटना धर्मप्रांत के बीजे ओस्ता और मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत के जेबी ठाकुर को धर्माध्यक्ष बनाया गया।

बिहार प्रदेश कांग्रेज अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के संयोजक सिसिल साह ने कहा कि महाधर्माध्यक्ष बीजे ओस्ता हिन्दी भाषी क्षेत्र के जाने-माने धर्माध्यक्षों में एक थे। हिन्दी के प्रखर ज्ञाता थे। मधुरवाणी और प्रभावशाली वक्ता थे। महिला शिक्षा को अहमियत देने वाले महाधर्माध्यक्ष थे। पश्चिम चम्पारण के बेतिया के रहने वाले थे।
आलोक कुमार