पटना। पवित्र शुक्रवार
को येसु
ख्रीस्त को
सलीब पर
से उतारा
गया और
उनको कपड़े
में लपेटकर
कब्र में
दफना दिया
गया। कोई
भी शख्स
शव से
छेड़छाड़ न
करे। इसके
कारण एक
बड़ा पत्थर
से कब्र
के मुंह
को बंद
कर दिया
गया। आज
तड़के मरिया
माग्देलना नामक भद्र महिला गुफानुमा
कब्र जा
पहुंची। गुफानुमा
कब्र के
मुंह पर
से बड़ा
पत्थर हटा
पाया गया।
जब वह
कब्र में
प्रवेश की
तो क्रूसित
येसु ख्रीस्त
का शव
नहीं पाया।
केवल शरीर
में लपटने
कपड़े ही
दिखायी दिए।
इसको देखकर
घोर आश्चर्य
में पड़
गयीं। वहां
से निकलकर
सीधे येसु
ख्रीस्त के
शिष्यों को
पैगाम देने
चली गयीं।
ईश्वरीय लीला
का बखान
मरिया माग्देलना
ने येसु
के शिष्यों
के समक्ष
कर दिये।
तब शिष्यों
में से
पेतुस और
योहन भी
गुफानुमा कब्र
की ओर
लपके। उन
दोनों ने
भी कब्र
में येसु
ख्रीस्त को
नहीं पाया।
तब प्रभु
येसु ख्रीस्त
का कथन
पूर्ण हो
गया। अव्वल
दुःख भोगेंगे।
विरोधियों के द्वारा सलीब पर
चढ़ाकर मार
डाले जाएंगे
और पाप
और मृतकों
पर विजयी
प्राप्त करने
के लिए
तीसरे दिन
मृतकों में
से से
जी उठेंगे।
इसी का
स्मरण करके
संसार भर
के ईसाई
समुदाय प्रभु
येसु ख्रीस्त
का पुनरूत्थान
पर्व ईस्टर
मनाते हैं।
इस अवसर पर
अर्द्धरात्रि में धार्मिक अनुष्ठान अर्पित
किए गए।
फादर जोनसन
के नेतृत्व
में समारोही
मिस्सा पूजा
किया गया।
अंधकार पर
विजयी पाने
के लिए
आग और
पानी का
रस्म अदायगी
की गयी।
पवित्र जल
पर आशीवाद
दिया गया।
इसी पवित्र
जन से
पुरोहितों के द्वारा ईसाई समुदाय
के घरों
में जाकर
पवित्र जल
का छिड़काव
करेंगे। संभवतः
22 से 30 अप्रैल
तक किया
जाएगा। ईस्टर
कैंडल को
प्रज्जवलित किया गया। इस कैंडल
को चर्च
में जलने
की अवस्था
में ही
रखी जाएगी।
चर्च में
रात्रि और
सुबह में
भारी संख्या
में लोग
आए और
प्रार्थना किए। मिस्सा के मध्य
में चर्च
की घंटी
घनघनाने लगी।
इस घंटी
का मतलब
है कि
येसु ख्रीस्त
मृतकों में
से जी
उठे हैं।
येसु ख्रीस्त
के मृतकों
में से
जी उठने
पर गीत
और संगीत
का लय
भी बदल
गया। बस
आल्लेलूइया, आल्लेलूइया की गंूज उठने
लगी। श्रद्धालु
हर्षित हो
उठे। इस
बीच ईस्टर
के जश्न
वाले धार्मिक
अनुष्ठान के
अंतिम चरण
में पुरोहितों
ने श्रद्धालुओं
के बीच
में पवित्र
परमप्रसाद वितरण किए।
मिस्सा
पूजा के
समापन पर
ईसाई धर्मावलम्बियों
ने एकदूजे
को हैप्पी
ईस्टर कहकर
अभिवादन किए।
बच्चे और
नौजवानों ने
अपने अग्रज
का पैर
भी छुए।
कुल मिलाकर
ईस्टर पर्व
शानदार ढंग
से मनाया
गया। चर्च
से लेकर
धर्मावलम्बियों के घर तक पर्व
का माहौल
देखा गया।
5 मार्च से
लजीज भोजन
को त्यागने
वालों ने
जमकर तरह
-तरह के
जायका का
लुफ्त उठाया।
मुर्गा और
खस्सी का
जान खतरे
में डाल
दिए। देसी
और विदेसी
शराब भी
खूब गले
के नीचे
उतारे। कुल
मिलाकर शांतिपूर्ण
ढंग से
ईस्टर पर्व
गूुजर गया।
हैप्पी ईस्टर
टू ऑल।
आलोक
कुमार
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