भोजपुर। वोट दे देके थकहार गइल बानी स, मगर हमनी के जिंदगी में सुधार नहीं खे बुझा था। बाबू, वहां के लोग काफी तरक्की कर लेहेन जा......। हमी के कल्याण और विकास कौन करीयन? यह उक्ति सुशासन बाबू के महादलित मुसहर समुदाय की है। जो जनतंत्र के महापर्व के अवसर पर 17 अप्रैल 2014 को बटन दबाकर ईवीएम में नेताओं की तकदीर कैद कर दिए हैं।
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