पटना।
जनवितरण प्रणाली
के माध्यम
से ही
राष्ट्रीय खाघ सुरक्षा अधिनियम के
तहत अनाज
वितरण करना
है। अब
तक 80 प्रतिशत
राशन कार्ड
वितरण हो
चुका है।
इनको प्रतिमाह
35 किलो अनाज
की आपूर्ति
की जाती
है , जिसमें गेहूं दो
रूपये किलो
और चावल
तीन रूपये
किलो दिया
जाता है।
मोटा अनाज
एक रू .
किलो दिया
जाता है।
शेष 20 प्रतिशत
को राशन
कार्ड ही
निर्गत नहीं
किया गया
है। इसी
तरह से
बिहार में
राष्ट्रीय खाघ सुरक्षा अधिनियम लागू
आहे। शेष
परिवारों को
किरासन तेल
लेकर ही
संतुष्ट कर
दिया जा
रहा है।
इनको पुराने
कुपन पर
ही किरासन
तेल दिया
जा रहा
है। जनवितरण
प्रणाली के
दुकानदार का
कहना है
कि अगले
माह से
अनाज वितरण
होगा। लाभार्थी
को जोड़कर
4 माह का
अनाज नहीं
दिया जाएगा।
अब बीपीएल
और एपीएल
को समाप्त
कर गरीब
परिवारों का
चयन किया
गया है।
पूर्व
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2 फरवरी
2013 को बिहार
में राष्ट्रीय
खाघ सुरक्षा
अधिनियम लागू
किया था।
2011 की जनगणना
के आधार
पर बिहार
में ग्रामीण
क्षेत्र की
85.12 प्रतिशत आबादी (783.74 लाख ) और शहरी
क्षेत्र की
75.53 प्रतिशत आबादी (87.42 लाख ) को इस
अधिनियम के
तहत लाभुकों
की श्रेणी
में शामिल
किया गया
है। राज्य
में अब
तक सामाजिक , आर्थिक और
जातीय जनगणना
के आधार
पर मानक
निर्धारित कर ग्रामीण क्षेत्र में
लगभग 6 करोड़
90 लाख एवं
शहरी क्षेत्र
में लगभग
70 लाख लोगों
की पहचान
कर लाभ
दिया जा
रहा है।
पारिवारिक सर्वेक्षण में 1.37 करोड़ बीपीएल
परिवार थे।
इसमें 25.1 लाख परिवार अंत्योदय अन्न
योजनान्तर्गत आच्छादित थे एवं शेष
1.12 करोड़ बीपीएल परिवार परिवार थे।
भारत सरकार
द्वारा कुल
65.23 बीपीएल परिवार हेतु खाघान्न कराया
जाता था।
फलस्वरूप बढ़े
हुए बीपीएल
परिवार हेतु
खाघान्न की
कमी की
पूर्ति एपीएल
योजना से
खाघान्न का
क्रय कर
की जाती
थी , जिसपर
व्यय होने
वाली अंतरराशि
का वहन
राज्य सरकार
द्वारा किया
जाता है।
अब तक
80 प्रतिशत राशन कार्ड वितरण हो
चुका है।
अभी सिर्फ
1,18,93,707 परिवारों को जनवितरण
प्रणाली के
माध्यम से
अनाज वितरण
किया जा
रहा है।
जिन 20 प्रतिशत
को राशन
कार्ड निर्गत
नहीं किया
गया है।
उनको किरासन
तेल से
ही संतुष्ट
किया जा
रहा है।
अंत्योदय लाभुकों
को प्रतिमाह
35 किलो अनाज
की आपूर्ति
की जाती
है , जिसमें गेहूं दो रूपये किलो
और चावल
तीन रूपये
किलो दिया
जाता है।
मोटा अनाज
एक रू .
किलो दिया
जाता है।
राज्य
की आबादी
साढ़े 10 करोड़
है , इसमें
साढ़े 7 करोड़
को ही
शामिल किया
गया है।
सूबे के
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की
मौजूदगी में
उच्चस्तरीय बैठक की गयी। जल्द
से जल्द
शेष लोगों
को भी
राशन कार्ड
मुहैया करके
अनाज देने
पर बल
दिया गया।
अब निकट
से अनुश्रवण
किया जाएगा।
इसमें खाघ
आपूर्ति मंत्री
श्याम रजक ,
ग्रामीण विकास
मंत्री नीतीश
मिश्र , मुख्य
सचिव अशोक
कुमार सिन्हा ,
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अंजनी
कुमार सिंह ,
प्रधान सचिव
खाघ एवं
उपभोक्ता संरक्षण
शिशिर सिन्हा ,
प्रधान सचिव
ग्रामीण विकास
अमृत लाल
मीणा , प्रबंध
निदेशक राज्य
खाघ निगम
दीपक प्रसाद ,
सचिव नगर
विकास डा .
एस सिद्धार्थ ,
मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा ,
संजय कुमार
सिंह ने
भाग लिया।
Alok
Kumar
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