Wednesday 6 August 2014

हिन्दु समाज के लिए खतरनाक


पटना। हम शक्ति की पूजा करते हैं। जो शक्तिशाली हैं। उनके आगे सिर श्रद्धा से झुक जाता है। इसका मतलब नहीं हैं। वह देवी-देवता हैं। इसके भ्रम में पड़कर 33 कोटि देवी-देवताओं को 33 करोड़ कह बैठते हैं। जो भयंकर भूल है। यह सब अधूरा ज्ञान के कारण ही होता है। जो हिन्दु समाज के लिए खतरनाक है।
हिंदू धर्म में। कोटि यानी प्रकार है। देवभाषा संस्कृत में कोटि के दो अर्थ होते है, कोटि का मतलब प्रकार होता है और एक अर्थ में करोड़ भी होता। हिन्दू धर्म का दुष्प्रचार करने के लिए ये बात उड़ाई गयी है कि हिन्दुओ के 33 करोड़ देवी-देवता होते हैं। बस हमलोग भी मुर्ख की तरह ही अलापने लगे हैं कि हमलोग के 33 करोड़ देवी-देवता हैं। आज जान लें।
33 करोड नहीँ 33 कोटि देवी देवता हैँ              
हिँदू धर्म मेँ।
कोटि = प्रकार

देवभाषा संस्कृत में कोटि के दो
अर्थ होते है,

कोटि का मतलब प्रकार होता है
और एक अर्थ करोड़ भी होता।

हिन्दू धर्म का दुष्प्रचार करने के

लिए ये बात उडाई गयी की
हिन्दुओ के 33
करोड़ देवी देवता हैं और

अब तो मुर्ख हिन्दू खुद ही
गाते फिरते हैं की
हमारे 33 करोड़ देवी देवता
हैं........

कुल 33 प्रकार के देवी देवता हैँ
हिँदू धर्म मेँ

12 प्रकार हैँ आदित्यरू , धाता, मित,
आर्यमा,
शक्रा, वरुण, अँश, , विवास्वान, पूष,
सविता, तवास्था, और विष्णु...!

8 प्रकार हैँ
वासुरू, धर, ध्रुव, सोम, अह, अनिल, प्रत्युष
और प्रभाष।

11 प्रकार हैँ- रुद्ररू ,हर,
त्रयँबक,
अपराजिता, बृषाकापि, शँभू, कपार्दी,

रेवात, मृगव्याध, शर्वा, और कपाली। एवँ

दो प्रकार हैँ
अश्विनी और कुमार।

कुल- 12+8+11+2=33



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