Tuesday 9 September 2014

20 साल पहले बना था दर्जनों घर

इन्दिरा आवास योजना से निर्मित मकान जर्जर अवस्था में

दानापुर। पटना जिले के दानापुर प्रखंड में कौथवां ग्राम पंचायत है। इस पंचायत के मुराजद के महासचिव बाहुबली रीतलाल यादव के पिताश्री 
रामाशीष राय हैं। वहीं सत्ताधारी दल जदयू के विधायक अरूण मांझी की दीदी का घर कौथवां मुसहरी में ही है। विधायक और मुखिया ने कौथवां मुसहरी की सूरत सुधारने में दिलचस्पी नहीं ली है। इसके कारण सूबे के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बिरादरी कष्ट में रहने को बाध्य हैं।

कौथवां मुसहरी में रहने वाले प्रदीप मांझी का कहना है कि रूपसपुर थानान्तर्गत चुल्हाई चक में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, बिहार विधान सभा के अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी आदि आए थे। उनको 44 व्यक्तियों ने सामूहिक आवेदन-पत्र सौंपा है। इस आवेदन में समस्याओं का वर्णन किया गया है। महादलित मुसहर समुदाय के लोग कौथवां मुसहरी में लगभग 170 साल रहते रहे हैं। लगभग 20 साल पहले इन्दिरा आवास योजना से मकान बनाया गया था। जो जर्जर अवस्था में है। यहां के लगभग सभी पुराने मकान जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। आगे उल्लेख किया गया है कि महादलितों की जमीन को स्थायीकरण हेतु तो वासगीत पर्चा दिया गया है तो जमीन को हमारे नाम से सही रूप में दिया गया है। महादलित परिवारों की समस्या है कि स्त्री-पुरूषों को खुले आकाश में जाकर शौचक्रिया करना पड़ता है।

इन लोगों ने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से आग्रह किये हैं कि सभी महादलित परिवारों की जमीन से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध करवाया जाए ताकि भविष्य में कोई समस्या उत्पन्न नहीं हो सके। महादलित परिवारों के उन सभी इन्दिरा आवासों को पुनः इन्दिरा आवास योजना की राशि उपलब्ध करायी जाए, ताकि जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच चुकी आवासों का जीर्णोद्धार कर सके। चारों तरफ मकान उठने के कारण मुसहरी में सामूहिक और एकल शौचालय निर्माण कराया जाए। आजतक मुसहरी में बिजली की रोशनी नहीं देखी गयी है। यहां पर राजीव गांधी गा्रमीण विद्युतीकरण योजना से विद्युत आपूर्ति करायी जाए। यहां पर चार मुसहरी के लोगों की जमीन है। यहां पर जो मर जाते हैं। उनका दाह संस्कार और दफनाया जाता है। इस जमीन की चहारदीवारी करने की जरूरत है। आसपास के दबंग लोग जमीन पर कब्जा करने लगे हैं। और तो और ताक में हैं कि किसी तरह से मुसहरों के श्मशान घाट का अस्तित्व ही समाप्त कर दें। अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो श्मशान घाट पर अपार्टमेंट बन जाएगा। ऐसा होने से खूनीखराबी होने की भी आशंका है।

आलोक कुमार

  

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