अगर आप दीवार खड़ा कर देंगे तो आवाजाही ही ठप हो जाएगी
गा्मीण क्षेत्र में रहने
के समय उत्पन्न दर्द को नगर क्षेत्र बनाने के बाद भी नहीं किया हल
पटना।
पूर्व मध्य रेलवे के द्वारा बेलीरोड से शबरी नगर तक की सड़क को बंद करने जा रही है।
अगर रेलवे के द्वारा पूर्व की तरह ऐसा किया गया तो निश्चित तौर पर घर से लोगों का
निकलना मुश्किल हो जाएगी। कोई 10 हजार घर और 20 अपार्टमेंट के लाखों आदमी परेशान हो जाएंगे। कारण कि इन
लोगों का घरद्वार जलालपुर नहर के पूरब में स्थित है। इनकी खेती-बारी के अलावे अन्य
व्यवसाय पश्चिम दिशा में है। यहां के लोग पूरब और पश्चिम के चक्कर में फंस गए है।
और तो और जलालपुर ग्राम पंचायत के समय से उत्पन्न दर्द को पटना नगर निगम में
तब्दील होने के बाद भी हल न हो सका।
क्या है लोगों की मांगः पूर्व मध्य रेलवे और सरकार से मांग है। हमलोग फिलवक्त
बेलीरोड से शबरी नगर तक निर्मित सड़क पर चलते हैं। उसे कदापि रेलवे अतिक्रमण न
करें। आम जनता के हित के ख्याल में रखकर सड़क को राहगीरों के लिए खोलकर रखे। आम लोग
जलालपुर नहर पर स्थित पुल से होकर आवाजाही करते हैं। इस पुल पर लेवल क्रासिंग की
व्यवस्था कर दी जाए। प्रभावित जलालपुर ग्राम पंचायत के पूर्व मुखिया धमेन्द्र सिंह
कहते हैं पटना-सोनपुर के बीच में गंगा नदी पर रेल-सह-सड़क सेतु हेतु मौजा जलालपुर,धनौत चादर एक और दो में भूमि अर्जन 2002 में किया गया। इस तरह के स्थायी भूमि अर्जन के घेरे में भूमि और मकान पर
गए। स्थायी भूमि अर्जन होने से लगभग 2 लाख नगरवासियों
रूपसपुर,जलालपुर,चुल्हाईचक,धनौत एवं शबरी नगर को आवागमन एवं
घरेलू पानी निकासी की असुविधा उत्पन्न हो गयी है।जो आज भी बरकरार है।
रेलवे पदाधिकारी के द्वारा धोखाः पटना नगर निगम के वार्ड नम्बर 3 की वार्ड
पार्षद शकुन्तला देवी कहती हैं कि हमलोगों ने रेलवे पदाधिकारी से लगातार 2006 से ही जनता की समस्याओं को दूर करने का आग्रह करते रहे। मगर
मधुर स्वरों में आश्वासन देते रहे। वहीं पदाधिकारी कहा करता कि आप लोग रेलवे के
कार्य में बाधा उत्पन्न न करें। बारम्बार टोकाटोकी करने पर पदाधिकारी ने अन्ततः 2008 में टेन्डर कराकर सड़क एवं नाला का कार्यारम्भ करवाया।
दुर्भाग्य से सड़क और नाला का कार्य पूरा न हो सका। और वह अधूरा ही रह गया। हम भोले
भाले ग्रामीण जनतागण इस प्रत्यासा में ही रह गए कि जो कार्य आरम्भ किया गया है।
उसे अवश्य ही अन्त कर दिया जाएगा।मगर ऐसा नहीं हुआ। इस बात की जानकारी तब मिली जब
रेलवे के द्वारा सीमांकन कराया जा रहा था। उसी दरम्यान ग्रामीणों की समस्या सड़क
एवं नाला के बारे में बातचीत की गयी कि उसे अधूरा ही छोड़ दिया गया है।तब रेलवे
पदाधिकारी ने बताया कि वह टेन्डर ही रद्द कर दिया गया है। यह भी खुलासा किया कि
वास्तव में यह सड़क आपलोगों के लिए नहीं थी। वह सिर्फ रेलवे की सड़क चुल्हाईचक स्थित
कोचिंग कम्पलेस तक के लिए ही थी। अब उसकी जरूरत नहीं रही। इसके कारण ही कार्य
स्थगित कर दिया गया है।
अब लोग धोखा नहीं खाएंगे! अब हमलोग
जागरूक हो गए हैं। यहां के प्रभावित लोग मुठ्ठी बांधकर आवाज देंगे। देखते ही देखते
हजारों की संख्या में प्रभावित लोग जुट जाएंगे। किसी तरह का सहयोग पूर्व मध्य
रेलवे को नहीं देना है। 2008 तक मौखिक मांग
करते थे। 2013 में लिखित मांग करने लगे हैं।
केन्द्रीय राज्य रेलमंत्री अभिरंजन चौधरी को स्मार पत्र पेश किया गया। डीआरएम को
भी स्मार पत्र दिया गया। सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बातचीत की गयी।
भरपूर आश्वासन दिए और कहे कि आराम से घर में रहे। मगर आज आराम हराम लग रहा है। इस
नवरात्रि में बेमियादी धरना पर बैठे हैं। आर-पार की लड़ाई में जिस जगह पर जलालपुर
पुल पर लेवल क्रासिंग बनाने की मांग की जा रही है। वहीं पर प्रभावित जनता चौकी
लगाकर बेमियादी धरना देने लगे हैं। किसी भी हाल में पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन चालू
न हो रेलवे ट्रैक पर रेड कपड़ा टांगकर बांध दिया गया है।
जन शिकायत कोषांग में शिकायतः श्री धमेन्द्र सिंह एवं अन्य, पता-
रूपसपुर,जलालपुर,चुल्हाईचक एवं शबरी नगर, दानापुर,जिला- पटना से प्राप्त आवेदन पत्र पर आवश्यक कार्रवाई करने का
आदेश मुख्यमंत्री सचिवालय, जन शिकायत कोषांग
के उप सचिव शमीम अहमद ने ज्ञापांक 5701533 के
माध्यम से दिनांक 26 अगस्त 2013 को सचिव , मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, बिहार, पटना को दिया है।
जो आप कार्रवाई को देख रही रहे हैं। इसी तरह से मंडल रेल प्रबंधक, पूर्व मध्य रेल,दानापुर, रेल महाप्रबंधक, पूर्व मध्य रेलवे,
हाजीपुर, मुख्यमंत्री,बिहार, एसडीओ,दानापुर, जिलाधिकारी,
पटना,थाना प्रभारी,
रूपसपुर, सांसद, पाटलिपुत्र और विधायिका,दानापुर आदि को 22 अगस्त 2013 को स्मार पत्र पेश किया गया है।
टेसलाल वर्मा नगर के विस्थापित सुनील कुमार का कहना
है कि पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन का उद्घाटन 2 अक्तूबर और 3 अक्तूबर से रेल परिचालन संभव नहीं
है। इसे होने नहीं देंगे। जबतक हम 400 विस्थापित लोगों
को पुनर्वासित नहीं कर दी जा रही है।
आलोक
कुमार
No comments:
Post a Comment