Thursday 9 October 2014

अब गेन्द मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह के पाले में




14 नवम्बर 2014 को पटना समाहरणालय को घेरेंगे

29 नवम्बर को मुख्यमंत्री के समक्ष राज्य स्तरीय प्रदर्शन एवं चार दिवसीय धरना

BMPHEA
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के प्रयास से जेनरल नर्सेंस की अस्थायी नौकरी को स्थायीपन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। इसके आलोक में बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के पटना प्रमंडल शाखा ने भी मांझी सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। आज संघ ने मुख्यमंत्री के नाम से संबोधित 37 सूत्री मांगों का ज्ञापन को पटना प्रमंडल के आयुक्त को सौंप दिया है। वहीं 29 नवम्बर को मुख्यमंत्री के समक्ष राज्य स्तरीय प्रदर्शन एवं चार दिवसीय धरना का ऐलान कर दिया गया है।

आज पटना प्रमंडल के आयुक्त के सामने प्रदर्शन और आमसभाः बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के पटना प्रमंडल शाखा के बैनर तले कारगिल चौक से रैली के शक्ल में लालबाबू राम एवं रामसिंहासन प्रसाद शर्मा के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में स्वास्थ्यकर्मी आयुक्त,पटना प्रमंडल के कार्यालय के सामने जाकर जोरदार प्रदर्शन किए और नारा बुलंद किए। मौके पर आमसभा की गयी। पटना प्रमंडल के प्रमंडलीय मंत्री अमित कुमार मिश्र, महामंत्री विश्वनाथ सिंह, आरा जिला मंत्री सुबेश कुमार सिंह, बक्सर के जिला मंत्री आनन्द कुमार सिंह,नालंदा के जिला मंत्री संजय कुमार, राज्य के संयुक्त मंत्री सत्येन्द्र प्रसाद, महेश्वरी प्रसाद राम, संघर्ष संयुक्त मंत्री बालकृष्ण मेहता, अनुप राम, मो. लुकमान सहित कई वक्ताओं ने संबोधित किए।

क्या है इनके लम्बित मांगः बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के पत्रांक - 803 दिनांक 07.12.2011 के द्वारा ए.एन.एम. के स्वीकृत पदों के अनुरूप पूरक अधियाचना बिहार कर्मचारी चयन आयोग को भेजते हुए ए.एन.एम. के प्रकाशित सम्वर्ग सेवा नियमावली के अनुरूप संविदा पर कार्यरत ए.एन.एम. सहित प्रयोगशाला प्रावैधिकी, शल्य कक्ष सहायक की सेवा नियमित करने की मांग है। इसी तरह फार्मासिस्ट , परिधापक, एक्सरे टेकनिशियन सहित अन्य पारा मेडिकल स्टाफ की रिक्ति की अधियाचना कर्मचारी चयन आयोग को भेजकर पदों को विज्ञापित करते हुए नियमित नियुक्ति करने की लम्बित मांग है। सम्वर्ग सेवा नियमावली के तरत प्रोन्नति के पदसोपानों के अनुसार पद सृजित कर वेतनमान तय कर पदस्थापन किया जाए। आशा, ममता,कुरियर एवं डी.डी.टी. छिड़कावकर्मी को मजदूरी के रूप में दस हजार रू. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ते हुए भुगतान करने की बात कहीं गयी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रशासी निकाय की अनुशंसा के अनुसार आशा को एक हजार रू. प्रत्येक माह कार्य के आधार पर मानदेय का भुगतान करने, योग्यता प्राप्त चतुर्थवर्गीय कर्मचारी को तृतीय वर्ग में प्रोन्नति देने, मलेरिया, फाइलेरिया,यक्ष्मा,कुष्ठ नियंत्रण ईकाई में कार्यरत कर्मियों के सम्वर्ग सेवा नियमावली को अविलम्ब प्रकाशित करने 102,108,1099 एम्बुलेंस का परिचालन सरकारी स्तर पर कराते हुए पूर्व में कार्यरत चालकों एवं टेकनिशियनों से कार्य लेने, अस्पतालों से ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करने की मांग की गयी है।

14 नवम्बर को पटना समाहरणालय के घेरावः स्वास्थ्य कर्मियों, आशा, ममता, कुरियर, 102,108,1099 एम्बुलेंस के चालकों एवं टेकनिशियनों सहित पी.पी.पी.के तहत कार्यरत मजदूरों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर आपने 37 सूत्री मांग पत्र पर ध्यान नहीं दिए तो मजबूर होकर 14 नवम्बर 2014 को पटना समाहरणालय को घेर लेंगे। अगर इस पर भी सरकारी की कुंभकरणी नींद नहीं टूटी तो 29 नवम्बर को मुख्यमंत्री के समक्ष राज्य स्तरीय प्रदर्शन एवं चार दिवसीय धरना दिया जाएगा। अब गेन्द मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह के पाले में है।


आलोक कुमार

No comments: