मुख्यमंत्री
जीतन राम मांझी की पत्नी शांति देवी की बहन लालपरी देवी भी चपेट में
महज चयन
समिति के सदस्यों के द्वारा हस्ताक्षर नहीं करने पर लटकी तलवार
गया।
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, पूर्व
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्य परियोजना
निदेशक जिले के शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम
पदाधिकारी, जिलाधिकारी आदि के पास फरियाद किए।
इस ओर प्रभाव नहीं होते देख गया और पटना में धरना और प्रदर्शन किया गया। हर द्वार
बंद होने के बाद 17 नवम्बर 2014 से पटना में आकर जत्थेवार सामूहिक अनशन करने को बाध्य हैं। प्रत्येक दिन 10 महिलाकर्मी सामूहिक अनशन करती हैं। अनशन का प्रभाव सुबह-सुबह
पड़ता है। अनशकारी उल्टी करने लगती हैं। सरकार की ओर से चिकित्सा की व्यवस्था नहीं
की गयी है।
कस्तूरबा
गांधी बालिका विद्यालय,संद्य की सचिव कुमारी विद्यावती सिंह
कहती हैं कि कार्यालय-जिला शिक्षा पदाधिकारी,बिहार शिक्षा परियोजना,गया के द्वारा
कार्यालय आदेश निर्गत किया गया है। इस में उल्लेख किया गया है कि गया में कार्यरत
कर्मियों का नियोजन 27 सितम्बर 2007 के बाद किया गया था जो जांच के क्रम में अवैध पाया गया तथा जिला
कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रारंभिक शिक्षा एवं सर्व शिक्षा
अभियान, गया के पत्रांक 03 दिनांक 04 जनवरी 2013 के द्वारा नियोजन रद्द कर दिया गया।
श्रीमती
सिंह ने कहा कि तत्पश्चात जिला शिक्षा पदाधिकारी, गया के ज्ञापांक 100 दिनांक 24 जनवरी 2013 द्वारा उक्त
पत्र (पत्रांक 03 दिनांक 04 जनवरी) को विलोपित कर दिया गया। पुनः सम्यक विचारोपरांत जिला शिक्षा
पदाधिकारी, गया ने कार्यालय आदेश ज्ञापांक 204 दिनांक 03 मार्च 2013 के द्वारा पूर्व ज्ञापांक 100 दिनांक 24 जनवरी को निरस्त करते हुए जिला
कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रारम्भिक शिक्षा एवं सर्व शिक्षा
अभियान,गया के पत्रांक 03 दिनांक 04 जनवरी को पुनजीर्वित कर दिया। राज्य
परियोजना निदेशक, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद,पटना के पत्रांक 6466 दिनांक 18 सितम्बर 2014 के द्वारा भी
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रारम्भिक
शिक्षा एवं सर्व शिक्षा अभियान,गया के द्वारा
निर्गत पत्रांक 03 दिनांक 04 जनवरी 2013 के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने
का निदेश दिया गया। इसी क्रम में जिला शिक्षा पदाधिकारी,गया के पत्रांक 2269 दिनांक 14 अक्टूबर 2014 के द्वारा उक्त
पत्रांक 03 दिनांक 04 जनवरी के क्रियान्वयन के लिए जिला कार्यक्रम समन्वयक,बिहार महिला समाख्या सोसाइटी गया को निदेशित किया गया था
किन्तु जिला कार्यक्रम समन्वयक,बिहार महिला
समाख्या सोसाईटी गया द्वारा पत्रांक 115 दिनांक 18 अक्टूबर से सूचित किया गया कि चूंकि कस्तुरबा गांधी बालिका विद्यालय
के कर्मियों का मानदेय बिहार शिक्षा परियोजना, गया द्वारा दिया जाता है तथा बिहार शिक्षा परियोजना, गया के द्वारा उनकी नियुक्ति रद्द किया गया है, इसलिए संबंधित कर्मियों को सूचना भी बिहार शिक्षा परियोजना,गया के द्वारा दिया जाना उचित एवं प्रभावी होगा।
अनशन स्थल
पर 23 नवम्बर को 24 घंटे तक सामूहिक अनशन पर बैठी। शिक्षिका कुमारी अमिता ,रंजना कुमारी, और संजू कुमारी,
रसोइया सुनीता देवी और चिन्ता देवी, आदेशपाल मंजू देवी, उषा देवी
और पूनम कुमारी और रात्रि प्रहरी ममता देवी और विमला देवी। इन महिलाकर्मियों का
कहना है कि 7 साल से सेवारत हैं। महज चयन समिति
के सदस्यों का हस्ताक्षर नहीं रहने के कारण जिला गया में कार्यरत कस्तूर गांधी
बालिका विद्यालय की 148 कर्मियों को छंटनी कर दी गयी। इनका
चयन 4 सदस्यीय सदस्यों के द्वारा किया गया। इसमें
शिक्षा अधीक्षक अध्यक्ष, महिला सामाख्या
के जिला कोर्डिनेटर सचिव ,एक प्रधानाध्यापक
और एक जन प्रतिनिधि सदस्य थे। इनलोगों ने 27 सितम्बर 2007 को 45 शिक्षक,44 रसोइया,22 आदेशपाल,20 रात्रिप्रहरी और 17 वार्डेन का चयन किया। दुर्भाग्य से चयन समिति के सदस्यों ने
हस्ताक्षर करना भूल गए। इसको आधार बनाकर 1 जनवरी 2013 को नियोजन रद्द कर दिया। कार्यालय आदेश पर जिला क्रार्यकम
पदाधिकारी, प्रारम्भिक शिक्षा एवं सर्व शिक्षा
अभियान,गया का हस्ताक्षर है। मजे की बात है कि उक्त
पदाधिकारी ने 5 नवम्बर 2014 को हस्ताक्षर किया है। मगर छंटनीग्रस्त कर्मियों को सूचना नहीं दी गयी
है।
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