Monday 3 November 2014

बच्चों ने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को यारपुर मुसहरी में आने का न्योता दिए



50 साल के बाद भी मैट्रिक उर्त्तीण मुसहर नहीं

पटना। बच्चों ने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को यारपुर मुसहरी में आने का न्योता दिए हैं। आपके आगमन से ही मुसहरी की हालात सुधार आ जाएगी। आपके पास समय नहीं है। आप डरे और सहमे नहीं। हमलोगों हैं न.......। पटना नगर निगम के वार्ड नम्बर 19 में यारपुर मुसहरी है। गर्व से शिवाजी पथ से चलकर मुसहरी में गंदा पानी और कांदो-कांदो को पारकर जाना पड़ता है। छोटे-छोटे घर बनाकर रहते हैं। सरकार और एन.जी.ओ.के लोग मुसहरी को झोपड़पट्टी कहते हैं। मुसहरी की हालत देखकर यकीन के साथ कहा जा सकता है कि यहां पर करोड़ों रूपए व्यय किया जाएगा,तब ही मुसहरी में बदलाव लाया जा सकता है।

50 साल के बाद भी मैट्रिक उर्त्तीण मुसहर नहीं: एल.सी.टी.घाट में दुखन मांझी रहते थे। अब यारपुर मुसहरी में दुखन मांझी नामक याररहते हैं। कूड़ों ढोने वाले ट्रैक्टर के चालक हैं। प्रतिदिन 250 रू. कमाते हैं। बाल-बच्चों के साथ रहते हैं। दुखन मांझी का ससुराल बोधगया में है। इनका कहना है कि हमलोग बहुत ही दिक्कत से रहते हैं। यहां पर 50 साल से लोग रहते हैं। गैर मजरूआ 30 कट्टा जमीन पर 300 घर है। कोई 1300 जनसंख्या है। मगर 50 साल के अंदर कोई भी वंदा मैट्रिक उर्त्तीण नहीं हो सके हैं। बहुत कम लोगों को खाघ सुरक्षा योजना का कार्ड बना है। 

वार्ड नम्बर 19 की वार्ड पार्षद सुनैना देवी हैं: यहां के लोग परेशान हैं।कीचड़युक्त मुसहरी में रहने को बाध्य हैं। इनको कीचड़युक्त वातावरण से निकालने का प्रयास नहीं किया जा रहा है। कुछ तो कर दें वार्ड पार्षद जी। आपकी जग हंसाई हो रही है। जब इस मुसहरी में आ रहे थे। तो एक लड़की राह में मिली। जवाब में उक्त लड़की कहना था कि वहां पर तो कीचड़ का साम्राज्य है। यहां पर आने से पता चला कि वह नन्हीं लड़की ठीक ही कर रही थीं। सौ फीसदी ही नहीं दो सौ फीसदी सत्य साबित हुआ।
 
मुसहरी अजब से गजब हैः सूबे के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को स्मरण दिलवाना चाहता हूं कि आपके बिरादरी काफी कष्ट में हैं। इस लिए मुसहर समुदाय के चेहरे गुस्से से लाल होता है। स्पष्ट रूप से लोगों का कहना है कि नेतवन वोट के समय में आते हैं। उस समय वादा करते हैं। इसके बाद चले जाते हैं। इसके बाद नजर ही नहीं हैं। दीघा विधान सभा की विधायक पूनम देवी हैं। जो आफत में हैं। तो दूसरे को किस तरह से आफत से निकाल पाएगी?


 आलोक कुमार

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