Sunday 23 November 2014

यात्रा में आदिवासी समाज द्वारा प्रतिपादित पंचशील घोषणा-पत्र जारी


आदिवासियों को मिलेगा अधिकार

भोपाल। मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले के रंजरा गांव में आज एकता परिषद की अगुवाई में चल रहे आदिवासी अधिकार पद यात्रा के दरम्यान आम सभा का आयोजन किया गया। इसमें हजारों आदिवासियों की उपस्थिति में जिला प्रशासन ने कहा कि वन अधिकार कानून के तहत जिले के आदिवासियों को आवास अधिकार दिए जाएंगे। इसके लिए जिला प्रशासन एकता परिषद का सहयोग लेगा। इसके पूर्व 21 दिवसीय यात्रा के चार दिन बाद डिंडोरी जिले में यात्रा के अंतिम दिन यात्रा का नेतृत्व कर रहे एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद, भारत सरकार के सदस्य राजगोपाल पी.व्ही. ने आम सभा में आदिवासी समुदाय के विभिन्न समस्याओं पर चर्चा करते हुए उसे जिला प्रशासन के समक्ष समाधान के लिए रखा, जिससे कि अंचल के आदिवासियों को न्याय एवं सम्मान मिल सके। आम सभा में डिंडोरी जिला कलेक्टर सुश्री छवि भरद्वाज, एसडीएम सुश्री सोनिया मीणा एवं जिला पंचायत कार्यपालन अधिकारी श्री कर्मवीर शर्मा सहित कई अधिकारी शामिल हुए।

एकता परिषद और सहयोगी संगठनों द्वारा मध्यप्रदेश के डिंडोरी, मंडला और बालाघाट एवं छत्तीसगढ के कबीरधाम जिले में आदिवासी और वंचित समाज के अधिकारों के लिए आज से पदयात्रा शुरू की गई है। पदयात्रा चाड़ा गांव से 20 नवंबर को शुरू की गई। 10 दिसंबर को छत्तीसगढ के कबीरधाम (कवर्धा) में यात्रा का समापन किया जाएगा। कल से यात्रा का प्रवेश मंडला जिले में होगा। यात्रा में आदिवासी समाज द्वारा प्रतिपादित पंचशील घोषणा-पत्र को जारी किया गया है, जिसे हजारों हस्ताक्षर के साथ सर्वाेच्च न्यायालय, केंद्र एवं राज्य सरकारों और जिला प्रषासन को भेजा जाएगा। पदयात्रा की घोषणा के बाद जिला प्रषासन ने वन अधिकार पत्रों के वितरण में तेजी दिखाई है और डिंडोरी जिला प्रषासन का कहना है कि 15 दिसंबर तक सभी पात्र दावेदारों को व्यक्तिगत दावों एवं सामुदायिक दावों पर अधिकार पत्र दे दिए जाएंगे।

राजगोपाल पी.व्ही. ने आम सभा में कहा कि आदिवासी समुदाय न्याय, शांति और सम्मान के लिए पहले संवाद करना चाहता है और यदि जिला प्रशासन, राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार हमारी बातों को सुनकर समस्याओं का समाधान करते हैं, तो हम उनके साथ संवाद के लिए तैयार हैं, पर सरकार हमारी बातों को नहीं सुनेगी, तो न हम चुप बैठेंगे और न ही पीछे हटेंगे।

आदिवासियों के विस्थापन, फर्जी प्रकरण एवं वन अधिकार कानून का लाभ नहीं मिलने की हजारों शिकायतें अबतक यात्रा के दरम्यान सामने आई है। यात्रा के माध्यम से एकता परिषद की मांग है कि सरकार आदिवासी समुदाय से जुड़े सारे मसलों की जांच के लिए एक स्वतंत्र जांच समिति का गठन जल्द से जल्द करे। पदयात्रा में देश के विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता एवं बुद्धिजीवी भी शामिल हैं।



अनीष, समन्वयक,
जन वकालत, एकता परिषद
मोबाइल - 9755988707

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