Thursday 11 December 2014

वंचितों को भूमि पर हक और अधिकार दिलाने तक जारी रहेगा आंदोलनः राजगोप

मुख्यमंत्री आवास के समक्ष 30 जनवरी को सामूहिक उपवास
आदिवासियों का आगरा से दिल्ली कूच 15 मार्च से


कवर्धा। मानव अधिकार दिवस के अवसर पर एकता परिषद के तत्वावधान में 10 दिसम्बर को कवर्धा के अम्बेडकर चौक पर मध्यप्रदेश एवं छतीसगढ़ के विभिन्न जिले से आये आदिवासी समाज का अधिकार के लिए मुखिया पंचायत का आयोजन किया गया।आदिवासी समाज के हजारों की संख्या में ग्रामीण महिला और पुरूष शामिल हुए।

महती सभा को संबोधित करते हुए आदिवासी समाज के मुखिया शिकारी बैगा बोड़ला, नान्हू बैगा चांड़ा डिडोरी, समलिया बाई गढ़ी बालाघाट, हीरो बाई चिल्फी कवर्धा एवं बैगा विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लमतू बैगा ने कहा कि सरकार बैगाओं के नाम पर विकास प्राधिकरण जैसे अनेक योजनाएं संचालित है लेकिन इतने वर्षों के बाद भी किसी भी योजनाओं का लाभ बैगाओं को नही मिला जिसके कारण आदिवासियों का समुचित विकास नहीं हो पाया। वनाधिकार मान्यता कानून के तहत क्षेत्र के गांव-गांव में दावा प्रस्तुत किया गया।लेकिन बहुत कम लोगों को भूमि का अधिकार मिला।
आदिवासी अधिकार पदयात्रा के समापन अवसर पर आदिवासी अधिकार पदयात्रा को राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के संयोजक बसवराज पाटिल ने कहा कि भारतीय स्वाभिमान आंदोलन एकता परिषद के इस आंदोलन का समर्थन करता है और देश में हम इनके साथ हर जगह के आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे। उन्होंने कहा कि एकता परिषद समाज के अंतिम वर्ग की लड़ाई को लड़ रहा है। यह कार्य बहुत ही सम्मान जनक और सराहनीय प्रयास है।
पदयात्रा के समापन में छत्तीसगढ़ सरकार के पूर्व वित्त आयोग के अध्यक्ष वीरेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि यह  वर्तमान सरकार जनता के बीच में संवाद नहीं करना चाहती है। इस कारण आदिवासी एवं वन आधारित जीवन यापन करने वालों की हालत इतनी बुरी बनी हुई है। जब तक सरकार जनता और जनसंगठनों के बीच में संवाद स्थापित नहीं करेगी, तब तक समस्याओं का हल होने वाली नहीं है। उन्होंने सरकार के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि रमन सरकार को जनता के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और संवाद की प्रक्रिया को प्रारम्भ कर देना चाहिए।
पदयात्रा के अंतिम पड़ाव पर एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भूमि सुधार परिषद के सदस्य श्री पी.व्ही. राजगोपाल ने कहा कि चाड़ा से चली इस आदिवासी अधिकार पदयात्रा को मध्यप्रदेश के मुख्य मंत्री और वहां के प्रशासन ने सम्पूर्ण समर्थन किया एवं स्थानीय समस्याओं को तत्काल निराकरण करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया । वही उम्मीद छत्तीसगढ़ सरकार से थी लेकिन एक भी अधिकारी कर्मचारी नहीं पहुंचे जिससे काफी दुःख हुआ। साथ ही यह आभास हुआ कि छत्तीसगढ़ की सरकार आदिवासियों को हक और अधिकार देने के लिए संवेदनशील नहीं हैं। पूर्व की सरकार से चर्चा करके आदिवासियों को मारने पीटने उन पर झूठे प्रकरण लगाने और उनकी खड़ी फसलों को चराने जैसे मामले पर चर्चा हुई थी, जिस पर गंभीरता पूर्वक कार्यवाही करने का भरोसा सरकार ने दिलाया था। लेकिन 10 वर्ष बीतने के बाद भी जो दृश्य गांव-गांव में देखने को मिला आज भी गांव में पुलिस और वन विभाग का डंडा राज चल रहा है। उन्होंने आगे कहा कि जमीन वितरण करने का तरीका सरकार को ढूंढ़ना चाहिए और जितने लोगों को अभ्यारण, खदान, कारीडोर परियोजना जैसे विभिन्न योजनाओं से विस्थापित व बेदखल किया है उन  आदिवासी समाज की सूची वन विभाग तैयार कर वर्तमान में जो लोग जिस जमीन पर काबिज हैं उनका पट्टा दिया जाना चाहिए। वंचित समाज को हक और अधिकार नहीं मिलने की स्थिति में संगठन अगला कदम उठाते हुए 30 जनवरी 2015 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पूण्य तिथि के अवसर पर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री आवास के समक्ष सार्वजनिक उपवास एवं केन्द्र सरकार को घेरने आगरा से दिल्ली की ओर हजारों लोग कूंच करेंगे।
इस पदयात्रा में एकता परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष डा. रनसिंह परमार ने सभी को आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गांव-गांव से चलकर आये हजारों आदिवासी समाज मुख्यमंत्री गृहग्राम में इस उम्मीद के साथ आये थे कि प्रदेश के मुखिया डा. रमनसिंह उनकी आवाज को सुनेंगे ओर उनके मूलभूत समस्याओं का गंभीरता पूर्वक निदान करेंगे। 20 नवम्बर चाड़ा मध्यप्रदेश से चलकर पहुंची न्याय, शांति और सम्मान के लिए आदिवासी अधिकार पदयात्रा का समापन कवर्धा के अंबेडकर चौक में हुआ इस सभा में उपसिथत समस्त ग्रामीण और सहयोगी संगठन के साथियों का आभार व्यक्त करते हुए पदयात्रा की औपचारिक समापन की घोषणा की।
इस पदयात्रा के समापन समारोह में विभिन्न राज्यों को एकता परिषद एवं अन्य संस्था संगठन के लोगों ने भाग लिया जिसमें प्रमुख रूप से एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक, झारखण्ड समन्वयक रामस्वरूप, महाकौशल क्षेत्र समन्वयक शोभा तिवारी, चन्द्रकांता, अनिता, हरियाणा से विनोद शर्मा, दिल्ली से रमेश शर्मा, राजस्थान से मनीष राजपूत, छत्तीसगढ़ समन्वयक प्रशांत कुमार, अरूण कुमार, मुरली संत, अरूण साहू, सीताराम सोनवानी आदि वरिष्ठ साथियों ने भाग लिया उपरोक्त जानकारी राष्ट्रीय जनवकालत समन्वयक अनीश कुमार एवं छत्तीसगढ़ के मीडिया प्रभारी पिलाराम पटेल ने संयुक्त रूप से दी है।

अनीश कुमार 
राष्ट्रीय जनवकालत समन्वयक
9755988707




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