प्रथम
पुण्यतिथि के अवसर पर येसु समाजी और धर्मप्रांतीय पुरोहितों ने अनुष्ठान अर्पित
किए
पटना। आज
प्रेरितों की रानी ईश मंदिर में पटना महाधर्मप्रांत के महरूम महाधर्माध्यक्ष
बेनेदिक्त जोन ओस्ता की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की
गयी। इस अवसर पर पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसूजा ने महरूम
महाधर्माध्यक्ष बी.जे.ओस्ता की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किए। इसके पूर्व
महाधर्माध्यक्ष ने दीप प्रज्जवलित भी किया।

महरूम
महाधर्माध्यक्ष के साथ 20 सालों तक ‘साया’ के रूप में रहने
वाले फादर देवास्या चिराईल ने यह रहस्योघाटन किया कि जब पटना महाधर्माध्यक्ष के पद
से अवकाश ग्रहण करके एक्स.टी.टी.आई. गए थे। तब उनके पास मात्रः 1.25 पैसा रह गया था। इस अल्पराशि को सहन नहीं कर पा रहे थे। उसने
कहा कि फादर मेरे पास 1.25 पैसा रह गया है।
कृपया इस पैसे को लेकर संस्था में जमा कर दें। राशि को वापस करते समय कहा कि फादर
जी ‘ हम मनुष्य खाली हाथ आए हैं और हमलोगों को
खाली हाथ ही जाना हैं’। यह हमेशा स्मरण रखना चाहिए। आगे
कहा कि प्रार्थनामय जीवन व्यत्तित किए। सादगी की प्रतिमूर्त्ति थे। जब कभी भी जिले
के लोग मिलते आते थे तो उनका ख्याल किया करते थे। भरसक समस्या का समाधान ही कर
देते थे। ऐसा नहीं करने पर संबंधित फादरों के नाम से चिट्टी भी लिख देते थे।

अब जरूरत
है कि महरूम महाधर्माध्यक्ष बी.जे.ओस्ता के अधूरे कार्य को वर्तमान महाधर्माध्यक्ष
विलियम डिसूजा भी पूर्ण करें। मिशनरी स्कूलों में शिक्षा के अधिकार कानून को
मुस्तैदी से लागू करें। मिशनरी संस्थानों में संविदा पर बहाली करना बंद कर दें।
मौकामा में स्थित नाजरेथ हॉस्पिटल से छटनीग्रस्त कर्मचारियों को मिशनरी संस्थाओं
में बहाल करें। संत जेवियर उच्च विघालय में सेवाकार्य करने वाले एंड्रु आंजिलों और
एक्स.टी.टी.आई. में सेवारत जोसेफ टेलर को नौकरी में बहाल करें। दोनों श्रम
न्यायालय में मामला दर्ज किए हैं। श्रम न्यायालय से जीत हासिल करने पर मिशनरी फादर
माननीय पटना उच्च न्यायालय में मामला दायर करके ईसाई श्रमिकों के हौसल्ले पस्त कर
रहे हैं। इसमें हस्तक्षेप करने की जरूरत है।
आलोक
कुमार
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