Wednesday 18 February 2015

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे 20 फरवरी को हरियाणा पहुंचेंगे


गांधीवादी विचारक पी0व्ही0राजगोपाल के नेतृत्व में 
भूमिहीन आदिवासियों और किसानों की पदयात्रा

अन्ना पलवल में हरी झंडी दिखाकर पदयात्रियों को रवाना करेंगे

दिल्ली।सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे 20 फरवरी को पलवल पहुंचेंगे। वहां पर उनका जोरदार स्वागत किया जाएगा। एकता परिषद के जिला संयोजक दीपक गोयल के अनुसार अन्ना हजारे का पलवल की सामाजिक और व्यापारिक संस्थाएं भव्य स्वागत करेंगी। अन्ना हजारे गांधीवादी विचारक पी0व्ही0राजगोपाल के नेतृत्व में एकता परिषद के तत्वावधान में पलवल से दिल्ली के लिए शुरू होने वाली भूमिहीन आदिवासियों और किसानों की पदयात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।

यहां पर पहुंचने के बाद अन्ना हजारे सबसे पहले गांधी आश्रम पहुंच कर प्रार्थना करेंगे। उसके बाद उन्हें खुली जीप में लेकर मोटर साइकिलों के जत्थे के साथ कमेटी चौक से जीटी रोड होते हुए नए सोहना मोड से सेक्टर-12 के मैदान में ले जाया जाएगा। वहां उनका स्वागत किया जाएगा। भूमिहीन आदिवासियों और किसानों की पदयात्रा 23 फरवरी की शाम पहुंचेगी। इसके बाद धरना में तब्दील हो जाएगी। 

जंतर मंतर पर 23-24 फरवरी 2015 को धरना दिया जाएगा। केंद्र सरकार के द्वारा भू अधिग्रहण अध्यादेश लाया गया है। इसको निरस्त करने की मांग को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। अभी तक देश भर के जन संगठन एवं राजनैतिक दल अलग - अलग दुकान खोलकर भू अधिग्रहण अधिनियम के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन पहली बार सभी मिलकर एक साथ इस मुद्दे पर संघर्ष करने का फैसला किया है। जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय, अखिल भारतीय वन श्रमजीवी मंच, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन, एकता परिषद, युवा क्रांति, जन संघर्ष समन्वय समिति, छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन, जन पहल, भष्टाचार विरोधी जन आंदोलन, किसान संघर्ष समिति, संयुक्त किसान संघर्ष समिति, इंसाफ, दिल्ली समर्थक समूह, घर बचाओ - घर बनाओ आंदोलन, नर्मदा बचाओ आंदोलन, अखिल भारतीय किसान सभा, किसान मंचटोंको-रोंको-ठोंको क्रन्तिकारी मोर्चा द्वारा यह राष्ट्रव्यापी आंदोलन संयुक्त रूप से किया जा रहा है।

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे, डॉ. सुब्बाराव, मेधा पाटकर, डॉ. सुनीलम, रघुवंश प्रसाद सिंह, देवब्रत विस्वाश, हनानमुल्ला, अतुल अंजान, पी0व्ही0राजगोपाल, राजेंद्र सिंह, अखिल गोगई, अमरनाथ भाई, विश्वम्भर चौधरी, अक्षय कुमार , राकेश रफीक, कर्नल नयन, कमांडर यशवंत, सूफी गिलानी, विनोद सिंह, ऋषिपाल अमबावत, मनवीर भाटी, अशोक चौधरी,गौविन्दाचार्य  सहित देशभर के हजारो किसान सम्मिलित होंगे ।

मौके पर समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा है कि वे भ्रष्टाचार और भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ बड़ा आन्दोलन छेड़ेंगे। उनके आन्दोलन की शुरुआत 24 फरवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर से होगी। इसके बाद 25 फरवरी को बैठक की जा रही है। अगर सरकार कदम नहीं उठाती है तो रामलीला मैदान में बेमियादी आंदोलन किया जाएगा। अन्ना ने कहा कि मोदी सरकार उद्योगपतियों के हित में काम कर रही है और किसान विरोधी सरकार है। उन्होंने आगे कहा कि अच्छे दिन केवल उद्योगपतियों के आए हैं।

उन्होने कहा, ‘मैंने अब तक 2 सरकारें गिराई है और 6 मंत्रियों को वापस घर भेजा है।अन्ना एक बार फिर वैसा ही आन्दोलन करने की बात कर रहे हैं। हालांकि इस बार वे अनशन नहीं करेंगे क्योंकि डॉक्टरों ने उन्हें अनशन करने से मना किया है। अन्ना ने कहा कि मोदी तो केवल उद्योगपतियों के हित में सोचते हैं और आम जनता की उन्हें फिक्र नहीं है। अन्ना के मुताबिक यह शासन अंग्रेजों के हुक्मशाही से भी ज्यादा खतरनाक है और प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार पर महज आश्वासन देते हैं। अन्ना ने कहा कि किसानों को नहीं पता उनकी जमीन छीन ली गई है। मेरे गांव की 400 एकड़ जमीन सरकार ने अधिग्रहित कर ली है।

जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय द्वारा अंग्रेजो के दवारा बनाये गए भू अधिग्रहण कानून 1894  को रद्द करने की मांग को लेकर देश भर में संघर्ष करने के साथ -साथ संसद पर कई धरने प्रदर्शन किए गए थे । जन संघर्ष समन्वय समिति एवं अखिल भारतीय वन श्रम जीवी मंच द्वारा भी लगातार संसद पर प्रदर्शन किए गए । देशभर के किसान संगठनो के संघर्ष के चलते तथा अनेक किसानो के शहीद होने के बाद संप्रग सरकार को मज़बूरी में भू अधिग्रहण कानून 2013  बनाना पड़ा । यह कानून वर्तमान लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की अध्यक्षता में बनी संसदीय समिति की सिफारिशों के आधार पर सभी पार्टियो की सहमति - समर्थन से संसद में पारित किया गया था । हालाँकि इस कानून में जन संगठनो की मांग के अनुसार कृषि भूमि के अधिग्रहण पर रोक लगाने तथा ग्राम सभा - मोहल्ला सभा की सहमति के बिना अधिग्रहण न करने के प्रावधान नहीं थे लेकिन जान संगठनो के तमाम सुझाओ को संप्रग सरकार ने स्वीकार किया था लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दवारा तत्काल 60  हजार हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण करने तथा आगामी 2  वर्षाे में डी. एम. आई. सी जैसी तमाम परियोजनाओं के लिए 3 लाख 70 हजार हेक्टेयर जमींन  का अधिग्रहण करने की आड़ में भू अधिग्रहण अध्यादेश 2014 ‘संसदको दरकिनार कर लाया गया हैजिसे निरस्त करने के लिए संसद पर किसानो की महारैली का आयोजन 23 -24  फरवरी को जंतर -मंतर पर किया गया है ।


आलोक कुमार

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