Thursday 5 February 2015

दिल चाहता है इक छोटी-सी छत सर ऊपर




केन्द्र और राज्य सरकार भी आवासीय सुविधा उपलब्ध कराती

जन संगठनों के दबाव पर घर का अधिकार देने पर चर्चा जोरों पर

पटना। दिल चाहता है इक छोटी-सी छत सर ऊपर हो। इसको लेकर गरीबों को केन्द्र और राज्य सरकार भी आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्रत्यन्नशाील हैं। कल्याणकारी सरकार के पीछे जन संगठन भी दबाव देने लगे है कि लोगों को घर का अधिकार कानून प्रदान कर दें। इस पर जोरदार चर्चा जारी है।

बहरहाल, करीब 7 दशक से 34 परिवार संत माइकल उच्च विघालय और बाढ़ सुरक्षा तटबंध के बीच में रहते हैं। यहां के लोग आजीवन तिनका जोड़-जोड़कर घर बनाए। अंत में सड़क चौड़ीकरण और गेट खोलने के नाम पर मकान को तोड़ दिया गया। संत माइकल उच्च विघालय ने पटना उच्च न्यायालय में मामला दायर कर रखा था। इसके आलोक में माननीय पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर लोकल प्रशासन ने आशियाना को ढाह दिया। कुछ परिवार मकान के मलवे में ही रहने को बाध्य हैं। आखिर कब नौकरशाह विस्थापन के पूर्व पुनर्वास की व्यवस्था कर देने वाले कल्याणकारी सरकार के प्रावधानों को लागू करेंगे? ऐसा नहीं करने के कारण प्रभावित दरदर की ठोकर खाने को बाध्य हैं।

करीब 7 दशक से रहते हैं दलितः यहां पर अधिकांश दलित पासवान जाति के लोग रहते हैं। आरंभ में झुग्गी-झोपड़ी में रहते थे। जो संत माइकल उच्च विघालय और सुरक्षा तटबंध की दीवार से नीची ही रहती थी। जब गरीबी रेखा के नीचे गुजर बसर करने वालों को इंदिरा आवास योजना से मकान निर्माण करवाने के लिए राशि मिली। तब वह मकान संत माइकल उच्च विघालय और सुरक्षा तटबंध की दीवार से ऊपर  बना दिए। इसके कारण विघालय के स्वरूप कुरूप होने लगा। हद तो उस समय हो गया कि किसी ने विज्ञापन के होल्डिंग ही लगा दिए। इस बाबत दबाव डालने पर होल्डिंग को उतारा गया।

इंदिरा आवास योजना के तहत मिली राशिः 45 हजार रू. इंदिरा आवास योजना में मिले। इसमें अपने स्तर से और अधिक राशि लगाकर मकान बनाया गया। पटना-दानापुर मुख्यमार्ग के बालूपर मोहल्ला के सामने लिट्टी बेचने वाली विजया देवी ने महाजन से 5 रू.सैकड़ा व्याज पर 70 हजार रू. लेकर मकान बनाया। इसी तरह कुर्जी पुल के समीप मछली बेचने वाले ने 70 हजार रू.में मकान खरीद किया था। अभी साल भी पूरा नहीं हुआ था। जो जेसीबी के मुंह में समा गया। डेढ़ लाख रू.लगाकर सुनील पंडित ने मकान बनाया था।

अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय की लीना लियो भी रहती थींः परिवार में सदस्यों की संख्या बढ़ जाने के कारण लीना लियो के पति सुनील पंडित ने द्वितीय तल्ला मकान बना रखा था। बड़ी निर्दयता से जेसीबी से ढाह दिया गया। इस समय काफी मुश्किन से जीवन बिता रहे हैं। मकान तोड़ते समय लीना लियो गाल पर हाथ रखकर टूटते मकान को निहारते रही । उसी तरह सुनील पंडित भी कर रहा था। कोई इधर तो कोई उधर बैठकर विलाप करते रहे। जिला प्रशासन से जमीन देने की मांग कर रहे थे। अभी यह हाल है कि कुछ पाने की उम्मीद में किसी के बुलावा पर चले जा रहे हैं। वहां से निराश होकर लौट रहे हैं।

संत माइकल हाई स्कूल के प्राचार्य पर आरोपः यहां के लोगों ने संत माइकल उच्च विघालय के प्राचार्य पर आरोप लगाया है कि उन्होंने ही मकान तोड़वाने में अहम भूमिका अदा किए हैं। संत माइकल स्कूल से ऑफर आया था कि अगर आपलोग ईसाई धर्म स्वीकार कर लेते हैं तो मकान नहीं तोड़ा जाएगा। इसे नहीं स्वीकार करने के कारण मकान तोड़वा दिया गया। इस बाबत लोगों ने बैनर पर ईसाई बनो और घर बचाओं का नारा भी अंकित किए थे। प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक्स मीडिया ने ईसाई बनो घर बचाओं को प्रमुखता से उठाया। यहां के लोगों ने बाद में यह कहकर बैनर उतार लिया कि साम्प्रदायिक दंगा भड़क सकता है?ऐसा बैनर न लगाकर मांगों से लिखित बैनर लगाना चाहिए था।

अपने आगे अतिक्रमण करने नहीं देते मिशनरी?:अपने आलिशान स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल, निकेतन आदि के सामने अतिक्रमण लगाने नहीं देना चाहते हैं मिशनरी। पर्यावरण संस्था तरूमित्र के सहयोग से मिशनरी बगान लगाना शुरू कर देते हैं। पहले बोरिंग रोड में शुरू किए। धीरे-धीरे मिशनरी संस्थाओं के सामने बगान बनाने लगे। ऐसा करने से अतिक्रमण नहीं लगता था। इसमें नौकरशाह भी सहयोग देते थे। यहां के लोगों का कहना है कि संत माइकल उच्च विघालय ने मुख्यमार्ग का अतिक्रमण किया था। जब जिला प्रशासन ने सड़क चौड़ीकरण करने के नाम पर अतिक्रमित जमीन को मुक्त करा दिया। यहां पर बच्चे खेलते थे। अतिक्रमण हटते ही दीवार खड़ी करके द्वार खोल दिए। अब यहां पर स्कूल भवन बना दिया गया है। दीघा क्षेत्र के बच्चे नहीं खेल पाते हैं। दीघा के लोगों का कहना है कि संत माइकल स्कूल भी सरकारी जमीन अतिक्रमण किए हैं। इस बाबत पटना उच्च न्यायालय में मामला दर्ज दायर किया गया है। वहां पर न्यायाधीशों से आग्रह किय गया है कि आपलोगों ने गरीबों का घर ढाह देने का आदेश निर्गत किया है। अब आप सरकारी जमीन अतिक्रमण करने वालों की भी जमीन खाली करवाने का आदेश निर्गत कर दें।


आलोक कुमार

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