महादलित
अधिकार यात्रा रथ का आगमन गया में 8 फरवरी को
मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र गया जिले के बोधगया,बाराचट्टी और खिंजरसराय जाएंगे
मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र गया जिले के बोधगया,बाराचट्टी और खिंजरसराय जाएंगे
गया।
कारितास इंडिया और फोरम फोर सोशल इन्यिशिएटिव के बैनर तले महादलित अधिकार यात्रा
जारी है। आज रोहतास जिले में महादलित अधिकार यात्रा पहुंच गयी। रोहतास जिले में 4 और 5 फरवरी को। इसके
बाद पूर्व मुख्यमंत्री सत्येन्द्र नारायण सिन्हा के गृह जिले औरंगाबाद में 6-7 को, मुख्यमंत्री जीतन
राम मांझी के गृह जिले गया में 8-9 को,नवादा जिले में 10-11को ,पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में 12-13 को, शेखपुरा जिले में
14-15 को , मुंगेर जिले में 16-17 को और पटना जिले
में 18-19 को रहकर कार्यकर्ता ग्रामीण बैठक करेंगे।
पंचम कला केन्द्र,मनेर के द्वारा नुक्कड़ नाटक की
प्रस्तुति की जाएगी। इस दौरान पारिवारिक सर्वे के लिए अधिकार कार्ड भरेंगे।
यह अधिकार
कार्ड क्या है ?वित्त पोषित योजनाओं के बारे में
जानकारी अधिकार कार्ड में भरे जाएंगे। परिवार के मुखिया का नाम, जाति, गांव का नाम,
पंचायत, टोला, वार्ड नं0, ए0पी0एल0, बी0पी0एल0, राशन कार्ड, खेती की जमीन, आवासीय जमीन, घर का प्रकार, कुल सदस्यों की संख्या, विकलांग, साक्षर और स्कूल
जाने वाले बच्चों की जानकारी ली जाएगी। इसके बाद महादलित विकास मिशन की 23 प्रकार की योजनाओं के बारे में जानकारी ली जाएगी।
क्या कहना
है फादर अमल राज एस0 का? सेवा केन्द्र के निदेशक फादर अमल राज एस0का कहना है कि हमलोग 15 जिलों के 45 प्रखंडों के कुल 225 महादलित
टोले में प्रवेश कर रहे हैं। यहां के 20 हजार
परिवारों से व्यक्तिगत मुलाकात करेंगे। यह जानने का प्रयास करेंगे कि सरकार के
द्वारा 30 अगस्त,2007 में राज्य महादलित आयोग,बिहार का गठन
किया है। इसके तहत महादलित विकास मिशन निर्माण किया। बिहार सरकार ने तोहफा के रूप
में महादलितों को 25 तरह की योजनाओं को दे रखी है। हमलोग
जानने का प्रयास कर रहे हैं कि सरकारी तोहफाओं से महादतिलों को लाभ पहुंचा है?अगर इन स्कीमों से महादलित लाभान्वित नहीं हो पा रहे हैं?
उन कारणों को टटोलने का प्रयास कर रहे हैं। जानने के
अधिकार की शुरूआत 2015 से शुरू किया गया है। इसे प्रत्येक
साल करके 2018 तक जारी रखेंगे।
क्या कहना
है कारितास इंडिया के गिरिश पीटरः महादलित अधिकार यात्रा को कारितास इंडिया के
गिरिश पीटर एक सीमित कार्यक्रम के रूप में नहीं देख रही है। अपितु यह यात्रा पूरे
राज्य में एक महादलित समुदाय की पहचान व सम्मान को उजागर करेगी। इस समुदाय के
समावेशी विकास का महौल तैयार करेगी ताकि केन्द्र और राज्य सरकार के स्तर पर
महादलित वर्ग के विकास के लिए विशेष पहल की जा सके।
आलोक
कुमार
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