अगर चाहते तो गाड़ी का ही होलिका दहन कर देते !
दानापुर डिविजन के द्वारा होनी के बाद ही रखा जाता दरवान
पटना।
अंग्रेजों के द्वारा निर्माण किया गया है पटना से दीघा घाट तक रेलखंड। अंग्रेजों
ने व्यापार के मकसद से रेलखंड का निर्माण किया था। भारतीय खाघ निगम के गोदाम में
अनाज लाने और ले जाने का कार्य रेलखंड से होने लगा। फुलवारीशरीफ में स्थित गोदाम
में अनाज का भंडारण होने से रेलखंड का उपयोग नहीं होने लगा। तब राजद अध्यक्ष लालू
प्रसाद यादव ने रेलखंड का सदुपयोग किया। पूर्व केन्द्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद
यादव ने पटना घाट से दीघा घाट तक शहीद सवारी गाड़ी का परिचालन शुरू कर दिया। जिसका
परिचालन छुकछुक रूकरूक से जारी है।
दिन में दो बार अप-डाउन करती है सवारी गाड़ीः सुबह में शहीद सवारी गाड़ी पटना स्टेशन से खुलकर पटना घाट जाती है। इसके
बाद पटना घाट से दीघा घाट तक जाती है। दीघा घाट से खुलकर आर.ब्लॉक तक जाकर रूक
जाती है। फिर शाम को आर.ब्लॉक से शुरू होकर दीघा घाट जाती है। इसके बाद दीघा घाट
से पटना स्टेशन से होकर पटना घाट तक चली जाती है। पटना घाट से आकर पटना स्टेशन पर
रूक जाती है। यही सिलसिला जारी है।
अनियमित परिचालन से सवारी गाड़ी में सवाड़ी ही नहीं रहताः पूर्व मध्य रेल के द्वारा निर्धारित समय सीमा के अंदर शहीद
सवारी गाड़ी का परिचालन नहीं होता है। इसके कारण सवारी गाड़ी में सवाड़ी मिलता ही
नहीं है। और तो और सवारी गाड़ी को आर.ब्लॉक के पास ब्लॉक कर दिया जाता है। इसके
कारण सफर करने वाले गाड़ी से सफर करना नहीं चाहते हैं। गाड़ी के परिचालन के बारे में
सूचना उपलब्ध नहीं करायी जाती है। हॉल्ट के पास बैठे लोगों को भी गाड़ी के बारे में
सूचना नहीं रहती है। छुकछुक रूकरूक और सीटी बजाती गाड़ी आने के बाद ही लोगों को
मालूम होता है कि गाड़ी आ रही है। तब जाकर सिंग्नल गिराया जाता है।
दीघा घाट से चलकर आर.ब्लॉक के पास ठहराव करते समय भगवान भरोसे गाड़ीः यह जानकार आश्चर्य होता है कि जब सवारी गाड़ी दीघा घाट से
चलकर आर.ब्लॉक के पास आकर ठहरती है। तब गाड़ी का रखवाला भगवान भरोसे हो जाता है।
चालकों के द्वारा सिर्फ अपना केविन को ही बंद कर देते हैं और इसके बाद चले जाते
है। बाकी बॉगी खुले ही रहता है। यहां तक इंजन को भी बंद नहीं किया जाता है। करीब 5 से 7 घंटे तक इंजन
चलता ही रहता है। अब अनुमान लगा ले कि कितना डीजल जलता होगा। चालकों का कहना है कि
पूर्व मध्य रेलवे को घाटा ही लगता है। लोग टिकट कटाकर नहीं चलते हैं। कोई 10 से 15 एमएसटी टिकटधारी
होंगे। दीघा घाट पर विजय कुमार रहते हैं। 80 रू.देकर एमएसटी टिकट लिए हैं।
आज होलिका दहन के दिन शीशा तोड़ होली ही खेलेः शहीद सवारी गाड़ी के शीशा तोड़कर होली खेला गया। भगवान को
धन्यवाद कि लावारिश गाड़ी के केवल शीशा ही तोडा गया। अगर और उग्र होते तो शहीद
सवारी गाड़ी को ही होलिका दहन कर देते। इस संदर्भ में चालकों का कहना है कि अभी 15 दिन पहले ही गाड़ी को मरम्मत कर लाया गया है। अभी अधिकांश
खिड़की के शीशा तोड़ दिया गया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चाहते हैं : सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
चाहते हैं कि पटना घाट से दीघा घाट तक चलने वाली शहीद सवारी गाड़ी को बंद कर दें।
इस रेलखंड को हटाकर फोरलाइन रोड निर्माण कर दें। पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव
के बाद से ही फोरलाइन रोड निर्माण करने का अलाप मुख्यमंत्री अलापने लगे हैं। ऐसा
लग रहा था कि ममता दीदी के रेल मंत्री के कार्यकाल में मुख्यमंत्री सफल हो जाएंगे।
मगर ऐसा नहीं हो सका। अब देखना है कि कब मुख्यमंत्री सफल हो पा रहे हैं।
आलोक
कुमार
No comments:
Post a Comment