Sunday 5 April 2015

हर्षोल्लास माहौल में ईस्टर पर्व का समापन


जब चालीस दिनों तक लजीज व्यजनों से दूर रहने वाले टूटकर पड़े
अब पुरोहितों के द्वारा घर-घर में जाकर परिवार के सदस्यों को आशीष देंगे

प्रेरितों की महारानी ईश मंदिर
गया। संपूर्ण संसार में ईस्टर पर्व हर्षोल्लास माहौल में मनाया गया। हां, ईसाई समुदाय 40 दिनों तक गमगीन रहे। वहीं माता कलीसिया के द्वारा निर्देशित दिन में उपवास और परहेज रखे। ईसा की दुःखभरी दास्तान और सलीब पर चढ़ाकर मौत के घाट उतारने पर प्रार्थनामय रहे। इस दौरान लजीज व्यजनों से काफी दूर रहे। पवित्र बाइबिल में उल्लेख्य के अनुंसार ईसा मसीह सलीब पर चढ़ाकर मार डाले गए और तीन दिनों के बाद पूर्ण पराक्रम से मृतकों में से जी उठे।आज पुर्नरूत्थान - पर्व ईस्टर के अवसर पर लजीज व्यजनों पर टूटकर पड़े।

सूबे के विभिन्न गिरजाघरों में आयोजित पवित्र शनिवार की अर्द्धरात्रि और सुबह में ईस्टर संडे के धार्मिक अनुष्ठान में भक्तिपूर्ण ढंग से भाग लिए। इस पर्व को लेकर बच्चों में काफी उमंग रहा। रंग-रंग के परिधानों में सुसज्जित थे। वहीं युवाजन भी आधुनिक परिधानों में चहक रहे थे। गिरजाघर की घंटी बजी और श्रद्धालु मगन से धार्मिक आयोजन में भाग लेने लगे। पुरोहितों का आगमन होता है। प्रेरितों की महारानी ईश मंदिर के प्रधान पुरोहित फादर जॉनसन केलकत,मुख्य समारोही पुरोहित रहे। गिरजाघर में अंधेरा कर दिया जाता है। आग और पानी पर पवित्र आशीष दिया जाता है। एक बड़ी मोमबर्ती (ईस्टर कैंडिल) को पुरोहित प्रज्जवलित करते हैं।इसे अंधकार पर विजयी का प्रतीक बताया जाता है। इसी तरह साधारण पानी को ईश्वरीय शक्ति से पवित्र जल में तब्दील कर दिया जाता है। इसी पवित्र जल का छिड़काव पुरोहित के द्वारा ईसाई श्रद्धालुओं के घर में करते हैं। घर में उपस्थित परिवार के सदस्यों के साथ प्रार्थना भी करते हैं।

पास्का पर्व मुबारक
अपने संबोधन में पुरोहितों का कहना है कि पिता परमेश्वर के पुत्र ईसा मसीह मानव बनकर संसार में आए। अपने जीवनकाल के 33 वर्ष की अवस्था में अद्भूत कार्य संपादन किए। वहीं ईसा ने संसार के अंत तक सदा साथ रहने का वादा भी किए। वे सभागृहों में शिक्षा देते, ईसा का राज्य के सुसमाचार का प्रचार और निर्बलता को दूर करते। मिर्गी, लकवा आदि नाना प्रकार की बीमारियों और कष्टों से पीड़ित सभी रोगग्रस्त व्यक्तिों को और अपदूतग्रस्तों को चंगा का देते। आज भी ईसा मसीह के अधूरे कार्य को पूरा किया जा रहा है। अब जरूरत है कि समाज से वंचित समुदाय के बीच में जाकर पवित्र सुसमाचार का प्रचार किया जाए। उन लोगों के बीच में जाकर पुनजीर्वित ईसा को झांके। उनके साथ रहे और उनके विकास और कल्याण का कार्य करें।

पवित्र मिस्सा पूजा के बाद ईसाई धर्मावलम्बी हैप्पी ईस्टर, पास्का पर्व मुबारक, पुर्नरूत्थान - पर्व मुबारक हो आदि कहकर ईस्टर पर्व मनाया। यह सिलसिला दिनभर चला। आगंतुक लोगों को ईस्टर पर्व की बधाई देते रहे। वहीं घर में बने पकवान का लुफ्त भी उठाते रहे। बिहार सरकार की नौकरी में रहने वाले नर्सेंज लोगों को 3 माह से वेतनादि नहीं मिला। इनके घर में रौकनता कम देखी गयी। मगर धार्मिक आयोजनों में मुस्तैदी से शामिल हुए।


आलोक कुमार

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