जब चालीस दिनों तक लजीज व्यजनों से दूर रहने वाले टूटकर पड़े
अब पुरोहितों के
द्वारा घर-घर में जाकर परिवार के सदस्यों को आशीष देंगे
प्रेरितों की महारानी ईश मंदिर |
सूबे के
विभिन्न गिरजाघरों में आयोजित पवित्र शनिवार की अर्द्धरात्रि और सुबह में ईस्टर
संडे के धार्मिक अनुष्ठान में भक्तिपूर्ण ढंग से भाग लिए। इस पर्व को लेकर बच्चों
में काफी उमंग रहा। रंग-रंग के परिधानों में सुसज्जित थे। वहीं युवाजन भी आधुनिक
परिधानों में चहक रहे थे। गिरजाघर की घंटी बजी और श्रद्धालु मगन से धार्मिक आयोजन
में भाग लेने लगे। पुरोहितों का आगमन होता है। प्रेरितों की महारानी ईश मंदिर के
प्रधान पुरोहित फादर जॉनसन केलकत,मुख्य समारोही
पुरोहित रहे। गिरजाघर में अंधेरा कर दिया जाता है। आग और पानी पर पवित्र आशीष दिया
जाता है। एक बड़ी मोमबर्ती (ईस्टर कैंडिल) को पुरोहित प्रज्जवलित करते हैं।इसे
अंधकार पर विजयी का प्रतीक बताया जाता है। इसी तरह साधारण पानी को ईश्वरीय शक्ति
से पवित्र जल में तब्दील कर दिया जाता है। इसी पवित्र जल का छिड़काव पुरोहित के
द्वारा ईसाई श्रद्धालुओं के घर में करते हैं। घर में उपस्थित परिवार के सदस्यों के
साथ प्रार्थना भी करते हैं।
पास्का पर्व मुबारक |
पवित्र
मिस्सा पूजा के बाद ईसाई धर्मावलम्बी हैप्पी ईस्टर, पास्का पर्व मुबारक, पुर्नरूत्थान -
पर्व मुबारक हो आदि कहकर ईस्टर पर्व मनाया। यह सिलसिला दिनभर चला। आगंतुक लोगों को
ईस्टर पर्व की बधाई देते रहे। वहीं घर में बने पकवान का लुफ्त भी उठाते रहे। बिहार
सरकार की नौकरी में रहने वाले नर्सेंज लोगों को 3 माह से वेतनादि नहीं मिला। इनके घर में रौकनता कम देखी गयी। मगर धार्मिक
आयोजनों में मुस्तैदी से शामिल हुए।
आलोक
कुमार
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