आपदा प्रबंधन विभाग के प्रयास से सुखाड़ से निपटने के लिए बनेगी नियमावली
सुशासन सरकार ने सुखाड़ आपदा को गंभीरता से ली है। इससे निपटने के लिए बहुत जल्द ही मानक संचालन प्रक्रिया तैयार कर ली जायेगी। हांलाकि इस संदर्भ में इसका प्रारूप तय करने के लिए राज्य सरकार का आपदा प्रबंधन विभाग एवं बिहार इंटर एजेंसी ग्रुप पिछले 6 महीने में 5 बार बैठके कर चुके हैं। तय प्रारूप को अंतिम रूप देने के लिए 12 मार्च 2013 को ए.एन.सिन्हा इंस्टीच्यूट में विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया है। आपदा प्रबंधन विभाग एवं बिहार इंटर एजेंसी ग्रुप के संयुक्त तत्तावधान में किया जा रहा है। जिसमें राज्य सरकार के संबंधित कई विभागों के प्रमुख अधिकारी,अन्तरराष्ट्रीय विशेषज्ञ और इस क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि ऐसा करने से कई तरह से लाभ होगा कि सुखाड़ की स्थिति का पहले से आकलन हो सकेगा। इसके लिए किसी नये निर्देश का इंतजार करना जरूरी नहीं होगा। हर कार्य के लिए जिम्मेवारी तय होगी। इससे कार्य संपादन में अनिश्चिता खत्म होगी। विभिन्न विभागों व एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल होगा। पहले से तैयारी रहने का बेहतर रिस्पांस संभव होगा।
सुखाड़ आपदा प्रबंधन के लिए तैयार की जानेवाली मानक संचालन प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए आयोजित कार्यशाला में आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव,श्री व्यास जी,जलवायु परिवर्तन व सुखाड़ प्रबंधन के अन्तरराष्ट्रीय विशेषज्ञ श्री कीरत भाई वघेला,बिहार इंटर एजेंसी ग्रप के संयोजक संजय पांडेय, आपदा प्रबंधन विभाग के ओ.एस.डी. डॉ. गगन के साथ कृषि लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण,लघु जल संसाधन,ग्रामीण विकास,उर्जा,खाद्य उपभोक्ता एवं सरंक्षण,पशु एवं मत्स्य संसाधन एवं स्वास्थ्य आदि विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।
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