Sunday 10 March 2013

आपदा प्रबंधन विभाग के प्रयास से सुखाड़ से निपटने के लिए बनेगी नियमावली

         

                     आपदा प्रबंधन विभाग के प्रयास से सुखाड़ से निपटने के लिए बनेगी नियमावली
                
सुशासन सरकार ने सुखाड़ आपदा को गंभीरता से ली है। इससे निपटने के लिए बहुत जल्द ही मानक संचालन प्रक्रिया तैयार कर ली जायेगी। हांलाकि इस संदर्भ में इसका प्रारूप तय करने के लिए राज्य सरकार का आपदा प्रबंधन विभाग एवं बिहार इंटर एजेंसी ग्रुप पिछले 6 महीने में 5 बार बैठके कर चुके हैं। तय प्रारूप को अंतिम रूप देने के लिए 12 मार्च 2013 को .एन.सिन्हा इंस्टीच्यूट में विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया है। आपदा प्रबंधन विभाग एवं बिहार इंटर एजेंसी ग्रुप के संयुक्त तत्तावधान में किया जा रहा है। जिसमें राज्य सरकार के संबंधित कई विभागों के प्रमुख अधिकारी,अन्तरराष्ट्रीय विशेषज्ञ और इस क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
  इस संदर्भ में आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी डॉ. गगन ने विस्तार से बताया कि मानक प्रक्रिया के पांच सूत्र निर्धारित कर लिया गया है। सुखाड़ की स्थिति में रिस्पांस की कार्रवाइयों को समन्वित करना,सुखाड़ की स्थिति के प्रभाव का आकलन करने के लिए सूचनाओं के संग्रह करने के लिए जिम्मेवारी तय करना,सुखाड़ की गंभीरता का आकलन करने के लिए ठोस आधार तय करना,संचार पंक्तियों लाइन ऑफ कम्यूनिकेशंस की पहचान करना,ताकि निर्णय लेने के लिए सूचनाएं सहज उपलब्ध हो सकें,सुखाड़ की स्थिति में रिस्पांस करने के लिए सरकारी एजेंसियों के पास उपलब्ध शक्तियों का सार-संक्षेप तैयार करना शामिल है।
   उन्होंने कहा कि ऐसा करने से कई तरह से लाभ होगा कि सुखाड़ की स्थिति का पहले से आकलन हो सकेगा। इसके लिए किसी नये निर्देश का इंतजार करना जरूरी नहीं होगा। हर कार्य के लिए जिम्मेवारी तय होगी। इससे कार्य संपादन में अनिश्चिता खत्म होगी। विभिन्न विभागों एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल होगा। पहले से तैयारी रहने का बेहतर रिस्पांस संभव होगा।
 सुखाड़ आपदा प्रबंधन के लिए तैयार की जानेवाली मानक संचालन प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए आयोजित कार्यशाला में आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव,श्री व्यास जी,जलवायु परिवर्तन सुखाड़ प्रबंधन के अन्तरराष्ट्रीय विशेषज्ञ श्री कीरत भाई वघेला,बिहार इंटर एजेंसी ग्रप के संयोजक संजय पांडेय, आपदा प्रबंधन विभाग के .एस.डी. डॉ. गगन के साथ कृषि लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण,लघु जल संसाधन,ग्रामीण विकास,उर्जा,खाद्य उपभोक्ता एवं सरंक्षण,पशु एवं मत्स्य संसाधन एवं स्वास्थ्य आदि विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।

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