पटना। जब
घर से साड़ी पहनकर अंजलि और रजनी निकली थीं। तब पटना नगर निगम के वार्ड नम्बर -1 के शबरी कॉलोनी,दीघा मुसहरी में
चर्चा होने लगी। अब अंजलि और रजनी जवान हो गयी हैं। आने और जाने वाले भी विशेष नजर
गड़ाने लगे। इसको लेकर महादलित मुसहर समुदाय के शंकर मांझी ( पिता ) और मां अरूणीया
देवी परेशान होने लगे।उनके मन में समाने लगा कि ऐसा न हो कि कोई ऊंच-नीच न हो जाए।
ऐसा होने पर तब जग हंसाई निश्चित है। तब अंजलि और रजनी के लिए लड़कों की खोज होने
लगी।काफी मशक्कत करने के बाद पटना जिले के फुलवारीशरीफ प्रखंड और नौबतपुर प्रखंड
में सुयोग्य लड़के मिल सका।
अपने घर
के द्वार पर बैठे शंकर मांझी और अरूणीया देवी कहते हैं। हमलोगों के पांच संतान हैं।
सबसे बड़ी अंजलि है। इसके बाद रजनी, राधिका, बीरजू और अमरीता। साड़ी पहने से जवान दिखने वाली अंजलि और रजनी
पांच क्लास तक पढ़ी हैं।अन्य बच्चे पढ़ रहे हैं। शादी की तैयारी होने पर अंजलि और
रजनी विरोध भी किए। दोनों का कहना था कि हमलोगों का समय शादी के लिए नहीं है।
हमलोग पढ़ना चाहते हैं। फिर क्या था। इस क्षेत्र में कार्यरत गैर सरकारी संस्था
नारी गुंजन की सचिव पद्मश्री सिस्टर सुधा वर्गीज ने विरोध स्वर मुखर कर दी। मामला
दीघा थाना तक जा पहुंचा। समाजसेवी सिस्टर सुधा ने 1929 में बाल विवाह उन्मूलन और शारदा एक्ट को आधार बनाकर बाल विवाह का विरोध
दर्ज किया था। इसके आलोक में दीघा थाना पुलिस दीघा मुसहरी में आए और बाल विवाह
नहीं करने का सुझाव देकर चल दिए।
पटना जिले
के फुलवारीशरीफ प्रखंड, पंचायत बबनपुरा के दुपारचक गांव में
अवधेश मांझी रहते हैं। महादलित मुसहर समुदाय के अवधेश मांझी और तेतरी देवी के पांच
संतान हैं। इन लोगों को इंदिरा आवास योजना से मकान बना है। रेणु देवी, वीरू कुमार,बीरजू मांझी,राजकुमार और सूरज कुमार। इस बीच अवधेश मांझी की मौत हो चुकी
है।स्व.अवधेश मांझी के पुत्र वीरू कुमार को छेका गया। उसकी मां तेतरी देवी को तिलक
के रूप में पूरे 30 हजार रू. दिए गए।इसके अलावे 21 ईंच के रंगीन टी.वी., साइकिल और घरेलू बर्तन दिया गया। उसी तरह पटना जिले के नौबतपुर प्रखंड के
पीपड़लावा पंचायत के खरौना गांव में रफ्फू मांझी के पुत्र मिथिलेश कुमार के साथ
रजनी को छेक दिया गया। दोनों की शादी 8 मई 2014 को कर दी गयी। 8 मई 2015 को पूरे 1 साल होने वाला है। मगर दोनों का पैर भारी नहीं हो सका।
संभावना है कि भगवान के घर में देर है मगर अंधेर नहीं है। यह कहावत रजनी के साथ
चरितार्थ हो सकता है। वह एक दिन जरूर ही मां बन जाएगी?
वहीं
अंजलि के घर में घोर अंधेरा पसर गया है। अंजलि और वीरू के विवाह के एक माह के बाद
ही पारिवारिक कलह सतह पर आ गया। कुरूप चेहरा के हवाले देकर मार पिटाई होने लगी। जो
समान सामने मिल जाता है उसे पिटायी कर देता है। मारपीट कर भगा देता है। एक साल में
आठ बार भगा दिया है। उसकी मां तेतरी देवी कहती हैं कि उसे रहने दीजिए। इस पर अरूणीया देवी कहती हैं कि अंजलि की शादी के पहले अंजलि को 4 बार वीरू के आमने-सामने किया गया। वीरू ध्यान से अंजलि को निहारकर ‘हां ’ कह देता था। अब
सुन्दर चेहरा वाली नहीं होने का क्लंक लगाकर पति-पत्नी के संबंध को तार-तार करने
पर अमादा है। और तो और वीरू तो अंजलि से बातचीत ही नहीं करता है।
इस बीच
शंकर मांझी और अरूणीया देवी ने फुलवारीशरीफ थाने में जाकर वीरू मांझी के खिलाफ
मामला दर्ज करा दिया है। थाने में बैठे पुलिसकर्मी ने आवेदन लिखने के एवज में 100 रू. ले लिए। केस दर्ज करने के 500 रू. ले लिए। अभी तक घरेलू हिंसा के तहत वीरू मांझी के ऊपर किसी तरह की
कार्रवाई नहीं की गयी है। 26 अप्रैल 2015 को वीरू मांझी के पास खबर भेजेंगे?
आलोक
कुमार
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