Sunday 26 April 2015

‘जान देंगें पर जमीन नहीं’का जोरदार नारा बुलंद होने लगा

रांची। झारखंड सरकार ने आदिवासियों की 165 एकड़ रैयती जमीन पर कब्जा कर लिया !! यहां पर झारखंड हाई कोर्ट बनाने का निश्चय किया गया है। यह जमीन आदिवासियों की है। सरकार के द्वारा छोटानागपुर कास्तकारी अधिनियमका खुलमखुला उल्लघन है।जिसके विरोध में आदिवासी विस्थापितों के द्वारा एक दिवसीय धरना दिया गया!! जिसमें सरना युवा शक्तिधरना में शामिल होकर विस्थापितों का मनोबल बढ़ाया!!जान देंगें पर जमीन नहींका जोरदार नारा बुलंद होने लगा है।ऐसा समझा जा रहा है कि इस धरना और विरोध की गूँज से दिल्ली भी जरूर हिल जाएगी?जानकार लोगों का कहना है कि फिलहाल न्यायालय 2-2.5 एकड में है। वहां से आदिवासियों/ मूलवासियों को न्याय नहीं मिलता है। ऐसी स्थिति में 165 एकड रैयती जमीन कब्जा करना तो मजाक है और क्या ?

इस समय देश और प्रदेश में भूमि अधिग्रहण को लेकर हंगामा मचा हुआ है। यूपीए सरकार भूमि अधिग्रहण करने के पूर्व जमीन मालिकों से मंजूरी लेना ही है। वहीं एनडीए सरकार ने जमीन मालिकों से मंजूरी लेना अनिवार्य नहीं कहा गया है। ऐसी स्थिति में 165 एकड़ रैयती जमीन पर कब्जा करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी है। किसी भी हाल में आदिवासी रैयती जमीन देने को राजी नहीं होंगे। यह तो चेतावनी धरना दिया गया है। व्यापक जनांदोलन करने की तैयारी शुरू कर दी गयी है।


आलोक कुमार

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