Friday, 22 May 2015

अगर भूकंप का केन्द्र पटना होगा तो काफी नुकसान


पटना। इंडिया वाले अपार्टमेंट में रहना पंसद करते हैं। वहीं भारत के लोग अपार्टमेंट में रहना पंसद करते नहीं हैं। हाल के दिनों में भूकंप आने से अपार्टमेंट में रहने वालों की सोच में परिवर्तन आने लगा है। अब चाहते हैं कि गगनचुम्बी में नहीं रहे। लिफ्ट से चढ़ना और उतरना नहीं चाहते हैं। 
खैर,नेपाल,चीन,अफगानिस्तान और भारत में 25 अप्रैल और 12 मई को भूकंप आ जाने से लोग कांप गए हैं। हाल यह है कि थोड़ा सा भी जलजला आने से लोग सिहर जाते हैं। घर छोड़कर बाहर निकल जाते हैं। अपार्टमेंट में रहने वालों को खासा दिक्कत होता है। इसके आलोक में सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि अगर राजधानी पटना ही भूकंप का केन्द्र बन जाएगा,तो काफी यहां नुकसान होगा। इनका साफ इशारा गगनचुम्बी ईमारतों में रहने वालों की ओर ही था। जो भूकंप आने से तबाह हो जाएंगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच में सच्चाई है। राजधानी में धड़ल्ले से अपार्टमेंट निर्माण करने में लग गए। कारण कि मालदार लोग के स्टेटस का मामला अपार्टमेंट में रहना बन गया था। हां, मैं तो गंगा अपार्टमेंट में रहती हूँ? मैं भी उनसे कह दी हूँ अजी, सुनते हो चम्पा चमेली अपार्टमेंट में रहती हैं। आप भी व्यवस्था कर दें। अगर ऐसा नहीं होगा तो समझ ले सबकुछ बंद कर देंगे। गृहणियों पर अपार्टमेंट फीवर चढ़ जाने से बिल्डर खुश हो गए। इस तरह के डिमांड वाले पंसद से बिल्डरों को फायदा को फायदा होने लगा। किसी तरह से किसानों की जमीन खरीद करने अपार्टमेंट निर्माण करने की दिशा में भीड़ गए। यहां तक कि जगदेव पथ पर रहने वाले महादलित मुसहर समुदाय की कब्रिस्तान की जमीन को हड़पने से बाज नहीं आए। इस दौरान गोली चालन से एक महिला की मौत हो गयी। अधिकारियों को मोटी रकम चढ़ाकर इधर-उधर अपार्टमेंट बनाने लगे। राजधानी में बिल्डरों ने धड़ल्ले से अपार्टमेंट बनाने लगे। लगभग पटना शहर कंक्रीट में बदल गया। भूकंप के माफदंड को पालन नहीं किया गया। यहाँ तक संक्रीण जगहों पर अपार्टमेंट बना लिए। जहाँ पर फायर बिग्रेड वाले भी पहुँच नहीं पाते हैं।
‘नुरूम’ के तहत झोपड़पट्टी में रहने वालों का मकान बनता हैः ‘नुरूम’ योजना के तहत शहर में झोपड़पट्टी में रहने वालों के लिए मकान बनाया जाता है। एक बार मकान बना देने से मकान जर्जर स्थिति में पहुँच गया है। मकान के छज्जा गिर जाने से लोग घायल भी हो जाते हैं। इसके आलोक में समाज के किनारे रहने वाले मुसहर समुदाय के लोग ‘नुरूम’ से मकान बनाना नहीं चाहते हैं। ऐसे लोग चाहते हैं कि सरकार मकान बनाने के लिए राशि उपलब्ध करा दें। अपनी जमीन पर मकान उठा लेंगे। सरकार के द्वारा राशि नहीं देने के कारण नाच बगीचा में रहने वाले मुसहरों का मकान नहीं बन रहा है।शबरी कॉलोनी में रहने वाली क्रांति देवी कहती हैं कि राष्ट्रीय ग्रामीण नियोजन कार्यक्रम के तहत मकान बना था। जो जर्जर हो गया है। जलजला आने के पहले ही मकान ढह गया। मकान रहने लायक नहीं है। अभी यहां पर नाला निर्माण हो रहा है। नाला ऊपर और घर नीचे हो गया है। इसके खिलाफ गुस्से में लोग हैं। यहां के लोग चाहते हैं कि सरकार मकान निर्माण करने की राशि विमुक्त करें। 
आलोक कुमार

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