Saturday 18 July 2015

नोटरी अधिनियम 1952 के तहत शपथ पत्र को मान्यता देने के संबंध में


पटना। बिहार सरकार के मुख्य सचिव नवीन कुमार के जारी हस्ताक्षर से कहा गया है कि नोटरी अधिनियम 1952 के तहत शपथ पत्र को मान्यता देना चाहिए। सबे के 38 जिले के जिलाधिकारी को दिनांक 07 अगस्त,2012 के पत्र लिखा था। पत्रांक-विधि ए/एजे09/2011 5971/जे. के माध्यम से निवेदन किया है। कि भारत सरकार द्वारा गठित नोटरी अधिनियम 1952 एवं संगत नियमावली 1956 के अंतगत जिलों में नोटरी नियुक्त किये जाते हैं।
नोटरी अधिनियम 1952 की धारा-8 में नोटरी के कार्य विस्तार से उल्लिखित है। नोटरी द्वारा पंजीकृत शपथ पत्र विधि सम्मत होता है एवं किसी लेख्य प्रमाणक(नोटरी) के समक्ष लिये गये शपथ को मान्यता देना सिविल प्राधिकार के लिये बाध्यकारी है। आपसे अनुरोध है कि इस आशय का निदेश सभी अधीनस्थ कार्यालयों को निर्गत किया जाय। 
इस संबंध में नोटरी राकेश कुमार का कहना है कि आज भी विभिन्न कार्यालयों में प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट से ही लेख्य प्रमाणित करवाने पर बल देते हैं। ऐसे लोगों को बिहार सरकार के मुख्य सचिव के द्वारा जारी पत्रांक की जानकारी नहीं है। इसके आलोक में ही माँग करते हैं। उसी तरह आम लोगों को भी जानकारी नहीं है। 
निजी तौर पर पेन कार्ड बनाने वाले कार्यालय में भी आधार कार्ड, वोटर कार्ड आदि नहीं रहने पर कार्यालय में बैठे लोग प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट से ही लेख्य प्रमाणित करवाने पर बल देते हैं। लेख्य प्रमाणक (नोटरी) को महत्व ही नहीं देते हैं। इस बाबत जानकारी माँगने में कुर्सी की गर्मी दिखाते हैं। यहाँ पर सीएम और पत्रकारों की नहीं चलती है। अगर दोनों कार्यालय में जा जाए भी जो कुर्सी पर आसीन शख्स की माँग है उसे पूरी करनी पड़ेगी। अगर आपके पास उम्र प्रमाणित करने का प्रमाण-पत्र नहीं है। तो आप एक सौ रू.देंगे तो कुर्सी पर आसीन शख्स प्रमाण-पत्र उपलब्ध करवा देगी। 
आलोक कुमार 

No comments: