Wednesday 8 July 2015

अबतक 47 लोगों की अकाल मौत हो गयी


व्यापमं के निशाने पर अगला कौन?

भोपाल।मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सी.बी.आई. से जाँच करवाने का आदेश देने से इंकार कर दिया है। सी.एम.शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अब माननीय सर्वोच्च न्यायालय में सी.बी.आई.से जाँच करवाने का आग्रह करेंगे। मेडिकल छात्रा नम्रता दामोर की खुली जाँच को बंद कर दिया गया है। कोई मुद्धा नहीं आने के कारण फाइल को बंद कर दिया गया। अगर कोई मामला आता है तो फाइल खुल सकता है।


मध्य प्रदेश में है म0 प्र0 व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं)। वर्ष 1982 में चयन भवनमैन रोड, नम्बर 1, चिनार पार्क (ईस्ट),भोपाल-460012 में व्यापमं का गठन हुआ।शुरूआती दौर मेडिकल,एग्रीकल्चर आदि में प्रवेश की परीक्षा ली जाती थी। इसमें विस्तार कर 2008 में मध्य प्रदेश की नौकरियों में बहाल करने के लिए परीक्षा लेनी शुरू कर दी गयी। 2007 से 2013 तक 67 बार परीक्षा आयोजित की गयी। 54 लाख परीक्षार्थी परीक्षा दिए।इसमें एक परीक्षार्थी हैं,जिनकी परीक्षा दिल्ली में हो रही है और ग्वालियर में सिनेमा देख रहे हैं।एक शो देखने के बाद लोग घर चले जाते हैं। मगर वह ग्वालियर स्थित सिनेमा हॉल में बैठकर दिल्ली में परीक्षा दे रहा है। वह परीक्षार्थी लगातार डबल शोदेखा।

इस तरह का खुलासा आरटीआई कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी ने किया है। उस शख्स को सेटिंग करने वालों ने बता रखा था कि बाहर रहोंगे तो हो सकता है कि सीसीटीवी में कैद हो जाओंगे। किसी तरह का प्रमाण बाहर न मिल न सके। इस लिए सिनेमा हॉल में बैठकर टाइम पास कर दो। ग्वालियर में सिनेमा हॉल में मस्ती लुटने वाले एवं दिल्ली में परीक्षा देने वाला शख्स चिकित्सक बन बैठा है। आज रूतबेदार बन बैठा है। आज शोहरत और धन भी है। आरटीआई कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी कहते हैं कि लगातार व्यापमं संबंधी जानकारी माँगने की खामियाजा भुगतने लगा है। 5 साल में 14 बार हमला हुआ है। इसके आलोक में जिला प्रशासन ने सुरक्षा प्रहरी दे रखा है। श्री चतुर्वेदी कहते हैं कि मैं साइकिल चालक हूँ तो एक सुरक्षा प्रहरी भी साइकिल चालक ही मिला है। अभी आरटीआई कार्यकर्ता मास्टर ऑफ सोशल वर्क्स की पढ़ाई कर रहे हैं। आरटीआई कार्यकर्ता डॉ0 आनंद राय और आरटीआई कार्यकर्ता प्रशांत पाण्डेय भी व्यापमं को हिलाने में लगे हैं। वर्तमान परिस्थिति के आलोक में लोगों के बीच डर व्याप्त है। कहते हैं कि अगला शिकार हो सकते हैं?

3 दिनों में 3 लोगों की मौत हो गयी। अबतक 47 लोगों की अकाल मौत हो गयी। शनिवार को आजतक के पत्रकार अक्षय सिंह, रविवार को जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन डाक्टर अरूण शर्मा और सोमवार को ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर अनामिका कुशवाहा की मौत हो गयी।यावसायिक परीक्षा मंडल(व्यापमं) कांड के शोधकर्ता, जाँचकर्ता और गवाह थे। अब सवाल उठाया जा रहा है कि व्यापमं के निशाने पर अगला कौन?

उत्तर प्रदेश में एन. आर. एच. एम. घोटाला, बिहार में चारा घोटाला और मध्य प्रदेश में व्यापमं घोटाला में गवाह, जाँचकर्ता, शोधकर्ता, मुजरिम आदि निशाने पर आकर दम तोड़ रहे हैं। व्यापमं में जो व्यक्ति जानने की कोशिश कर रहा है उसे जान गंवाना पड़ रहा है। सर्वप्रथम व्यापमं से संबंधित मामला 2000 में दर्ज किया गया।2004 में फर्जी लोगों की पहचान हो सकी। 2007 में प्रमाणित तौर से जानकारी मिली कि संगठित तौर से घोटाला किया जा रहा है। 2009 में फर्जी तौर से प्री-मेडिकल टेस्ट की जानकारी जनहित याचिका दायर करके पता चला। 2009 में ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमिटी गठित की। 2011 में 100 फर्जी पीएमटी के सहारे दाखिला करवाने में कामयाब। 2013 में नकली छात्र का पर्दाफास किया गया। 2013 में एक व्यक्ति के गिरफ्तारी के बाद व्यापमं घोटाला का खुलासा हो गया। 55 मामला दर्ज कराया गया है। 2500 आरोपी हैं। एसटीएफ के द्वारा जाँच जारी है। हाई कोर्ट के दिशा निर्देश में जाँच जारी। एस.टी.एस. ने मार्च 2015 को हाई कोर्ट को जानकारी दी है कि अभी तक 1800 सौ आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। अनुमान है कि 1000 सरकारी नौकरी कर रहे हैं। 514 मेडिकल कॉलेज में पैर जमा लिए हैं।

एस.टी.एफ. ने हाई कोर्ट को जानकारी दी है कि 32 लोगों की मौत हो गयी है। इनमें 23 अप्राकृतिक ढंग से मर गए हैं। वहीं एम.पी.सरकार का कहना है कि 25 लोगों की ही मौत हुई है। हर मौत को व्यापमं से जोड़ा नहीं जा सकता है। अबतक 47 लोगों की मौत हो गयी है। अधिकांश मरने वालों की उम्र 25 से 30 साल तक की है। 2009 में सड़क दुर्घटना से 11 लोग मर गए। खुदकुशी से 8, संदेहास्पद 6, बीमारी से 4, आत्महत्या 4, शराब से 3,जलने से 2 , ब्रेन हेमरेज 2 आदि से प्रभावित होकर 47 लोग मर गए हैं।

अभी माननीय हाई कोर्ट के निर्देशानुसार एसआईटी गठित है। एसटीएफ से जाँच जारी है। मगर जाँच के दौरान 47 मौतों को रोकने में नाकामयाब है। 7 जनवरी 2012 को 19 वर्षीय मेडिकल छात्रा नम्रता दामोर की मौत हो गयी थी। एक मौत का दो पोस्टमार्टम तैयार किया गया। डाक्टर पुरोहित का कहना हैं कि अज्ञात नाम से पोस्टमार्टम करवाया गया। उसे किसी ने मुँह,नाक और गला दाबकर मौत के घाट उतार दिया था। इसे दम घुंटना कहा जाता है। मुँह,नाक और गला दबाने से सांस शरीर में नहीं पहुँची। 2 मिनट के बाद शरीर में हवा की पहुँच नहीं होने के कारण मौत निश्चित है। दम घुटने से इसके बाद कायथ थाना के द्वारा नम्रता दामोर का पोस्टमार्टम करवाया गया। इसको अलग ही रूप दिया गया। जब नम्रता दामोर जबलपुर जा रही थीं उज्जैन जिले से गायब हो गयी। जबलपुर से ही गायब हो गयी। पोस्टमार्टम में ट्रेन से गिरकर मौत करार दिया गया।

 आजतक का रिपोर्टर व्यापमं की व्यापकता की जाँच करने गए थे।व्यापम का 45वां शिकार हो गए।ये है आजतक का रिपोर्टर ।नाम अक्षय सिंह।वे मेघनगर (झाबुआ )मध्य प्रदेश आये थे काम था -व्यापमं के शिकार अमित दाभोर की संदिग्ध मृत्यु का संज्ञान लेने और खुद संदिग्ध मौत के शिकार बन गए। अक्षय सिंह के विसरा को एम्स में जांच  किया जाएगा। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दबाव में आ गए। जब पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और बाबूलाल गौर ने सीधे नहीं परंतु इधर-उधर करके सी.बी.आई. से जाँच करवाने की माँग करने लगे। काफी मंथन करने के बाद सीएम चौहान ने सीबीआई से जाँच करवाने में सहमति दे दी है। वहीं काँग्रेसी सीएम से इस्तीफा की माँग करने लगे हैं। सर्वोच्च न्यायालय भी एसटीएफ गठन करें। उसी के दिशा-निर्देश में सीबीआई जाँच करें।

आलोक कुमार





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