Thursday 9 July 2015

अभी ‘हर दल दस्तक अभियान’ चला रहे हैं पंचायत रोजगार सेवक

सरकार मांग पूरी नहीं करती हैं तब ‘हर मंत्री के घर दस्तक देने का अभियान’ चलाया जाएगा
सूबे में मनरेगा का कार्य ठप्प

गया। बिहार में करीब 4600 सौ पंचायत सचिव का पद रिक्त है। इसके आलोक में पंचायती राज विभाग ने बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा पद चयन प्रक्रिया की शुरूआत होनी थी। इस बीच पंचायती राज विभाग के विभागीय मंत्री ने पंचायत रोजगार सेवकों को पदोन्नत करके पंचायत सचिव बनाने का आश्वासन दे दिए। इस बीच पूर्व मंत्री के द्वारा दिए गए आश्वासन को पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कैबिनेट की बैठक में मुहर लगा दी। जिसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णय को नामंजूर कर दिए। अब मुख्यमंत्री के द्वारा धीरे-धीरे पूर्व मुख्यमंत्री के निर्णयों को अमल में लाने लगे हैं। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जरूर ही पंचायत रोजगार सेवकों को पंचायत सचिव के पद पर पदोन्नत करने का निर्णय को लागू कर देंगे। 

बिहार राज्य पंचायत रोजगार सेवक संघ के अध्यक्ष देवता प्रसाद दीक्षित ने कहा कि हमलोगों की बहाली पंचायत रोजगार सेवक के पद  पर 2007 में की गयी। अभी हमलोग 38 जिले में कार्यरत हैं। करीब 5200 सौ पंचायत रोजगार सेवक हैं।बिहार राज्य पंचायत रोजगार सेवक संघ के बैनर तले पंचायत रोजगार सेवक 1 मई 2015 से आंदोलनरत हैं। गांधी,विनोबा,जयप्रकाश जी के बताये मार्ग पर अहिंसात्मक आंदोलन कर रहे हैं।तीनों विभूतियों के हथियारों का प्रयोग कर रहे हैं। आमरण अनशन,धरना,प्रदर्शन, कैंडल लाइट, मशाल जुलूस, आक्रोश रैली, थाली बजाओं अभियान, नगधड़ग प्रदर्शन,भिक्षाटन,मंत्री का घेराव, जेल भरो अभियान आदि करने के बाद अभी ‘हर दल दस्तक अभियान’ चला रहे हैं।इस पर भी सरकार मांग पूरी नहीं करती हैं तब ‘हर मंत्री के घर दस्तक देने का अभियान’चलाया जाएगा। 

आगे संघ के अध्यक्ष देवता प्रसाद दीक्षित ने कहा कि सरकार के द्वारा दमनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है। सूबे के 38 जिले के पंचायत रोजगार सेवकों को हलकान किया जा रहा है। अभी तक 33 जिले के 18 सौ पंचायत रोजगार सेवकों को बर्खास्त कर दिया गया है। बर्खास्ती के विरोध में 15 सौ पंचायत रोजगार सेवकों ने इस्तीफा दे दिया है। गया जिले के 24 पंचायत रोजगार सेवकों को बर्खास्ती के विरोध में जिले के सभी 400 पंचायत रोजगार सेवकों ने इस्तीफा दे दिया है। जिले में मनरेगा में कार्य   ठप्प है। यहीं हाल कमोवेश संपूर्ण जिले का है। अभी तक दमनात्मक कार्रवाई से 5 जिले अछूते हैं। कैमूर, बक्सर, जमुई, शिवहर और लखीसराय से कोई पंचायत रोजगार सेवकों को बर्खास्त नहीं किया गया है।कुल मिलाकर पंचायत रोजगार सेवकों पर 350 एफ.आई.आर.दर्ज किया गया है। आरोप हैं कि इन लोगों ने मनरेगा संबंधी दस्तावेज जमा नहीं किए हैं। 

परेशान कुमार सुधांशु चौबे का कहना है कि सरकार दमनात्मक कार्रवाई परित्याग करें। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किए हैं कि हठधर्मिता को त्यागकर हमलोगों को पंचायत सचिव बनाने का मार्ग प्रर्दस्त करें। चुनावी मौसम में राजनीतिक दल के नेतागण आकर आश्वासन देते ही हैं। अगर हमलोगों की मांग मुख्यमंत्री मांग लेते हैं। ऐसी ही स्थिति में आपका ही हितैषी बन बैठेंगे। पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पंचायत रोजगार सेवकों को आश्वासन दिए है कि सूबे में भाजपाई सरकार बनने पर जरूर ही पंचायत सचिव बना दिया जाएगा। अब देखना है कि क्या जदयू भी पहल करती हैं?

आलोक कुमार



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