Sunday, 26 July 2015

मुझे भोज पर बुलाकर थाली खीेंच ली गईः नरेन्द्र मोदी

ऐसा व्यवहार चाय बेंचने वाले के साथ किया गया
जब पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के साथ अन्याय किया गया तब........
पटना।बिहार में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आए थे। यहाँ पर 5 योजनाओं का उद्घाटन किए। आई.आई.टी.,पटना का नए परिसर का उद्घाटन किए। दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की शुरूआत की गयी।इन्क्यूबेशन सेन्टर का उद्घाटन किया गया। पटना-मुम्बई एसी सुविधा ट्रेन की शुरूआत किए। दनियावां-बिहारशरीफ रेलखंड पर ट्रेन परिचालन की शुरूआत की गयी। लगे हाथ जगदीशपुर-हल्दिया गैसलाइन का प्रथम चरण का उद्घाटन किए। 
गुस्से में आ कर पूरे विकास यात्रा का गला घोंट दिया? 
शनिवार को बिहार दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुजफ्फरपुर में एनडीए की परिवर्तन की रैली को संबोधित किया। इससे तीन घंटे पहले ही वे पटना में बिहार के सीएम नीतीश कुमार के साथ एक मंच पर थे। लेकिन मुजफ्फरपुर आते ही उन्होंने नीतीश पर निशाना साधा। कहा- समझ सकता हूं कि मेरा चेहरा पसंद न आता हो। लेकिन मैं इतना बुरा था तो कमरे में आकर एक चांटा मार देते, गला घोंट देते। गुस्से में आ कर पूरे विकास यात्रा का गला घोंट दिया? किसी दलगत कार्य के दौरान बिहार आए थे। सीएम ने भोज दिए थे। मुझे भोज पर बुलाकर थाली खीेंच ली गई। ऐसा व्यवहार चाय बेंचने वाले के साथ किया जा सकता है। जब पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के साथ कुकृत्य कर सत्ता से हटा दिए गए,तो मन मचल गया। पूर्व मुख्यमंत्री की तमाम पूंजी और पुण्य को ही तहस-नहस कर दी गयी। तब पता चला कि नीतीश जी के डीएनए में गड़बड़ी है। 
और मेरा मजाक उड़ाते थे
पीएम मोदी ने यह भी कहा- जो कभी मेरे ट्वीट का मजाक उड़ाते थे, चहकने लगे हैं। सेल्फीमैन हो गए हैं। मुझसे कहते थे कि बिहार मत आओ, आज तो उन्होंने भी चहकने का रास्ता पंसद कर लिया है। उन्होंने (नीतीश ने) ट्वीट किया कि आप (पीएम) 14 महीने बाद बिहार आ रहे हैं, आपका स्वागत है। मुख्यमंत्री जी! स्वागत के लिए मैं बहुत आभारी हूं। वक्त कैसे बदलता है। बदले हुए वक्त का अंजाम कैसा होता है? यह देखिए। वे कहा करते थे कि हमारे पास एक मोदी है। दूसरे मोदी की क्या जरूरत है? आप बिहार मत आइए। आपको बिहार आने की क्या जरूरत? आज देखिए अपनों का विरह कितना परेशान, बैचेन करता है। पिछले 10 साल जो पीएम थे वो 10 साल में एक बार हवाई निरीक्षण करने आए थे। मेरा 14 महीने का विरह भी यहां के सीएम को दुखी कर रहा है, परेशान कर रहा है।
पूरे विकास यात्रा का गला घोंट दिया?
मोदी ने यह भी कहा- मैं कभी कभार समझ सकता हूं कि एक व्यक्ति के लिए नाराजगी हो सकती है। चेहरा पसंद न आता हो। लेकिन अरे भाई इतना मैं बुरा था, कमरे में आकर चांटा मार देते, गला घोंट देते। एक व्यक्ति के प्रति गुस्से में आ कर पूरे विकास यात्रा का गला घोंट दिया? अगर ऐसे लोग सरकार बनाएंगे और दिल्ली से कोई नाता ही नहीं रहेगा तो बिहार का भला होगा क्या? क्या एक सरकार दूसरी सरकार से लड़ती रहे तो राज्य का विकास होगा? लड़ाई वाली सरकार चाहिए या कंधे से कंधा मिला कर चलने वाली सरकार चाहिए?मशीन के रूप में केन्द्र में एनडीए सरकार दिए हैं। अब द्वितीय मशीन के रूप में एनडीए को बिहार में सत्तासीन कर दें। दोनों मशीन मिलकर जोरदार ढंग से कार्य अंजाम देगी। सीएम के बारे में कहा कि उन्होने वादा किया था कि जबतक गांवों में बिजली नहीं पहुंचा देंगे,तबतक वोट नहीं मांगने आउंगा? सीएम ने वादा पूरा नहीं किए। ऐसे वादाखिलाफी को वोट देकर सत्ता में पहुंचाना चाहेंगे?
नीतीश ने हाल ही में एक ट्वीट किया था
जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करी सकत कुसंग चन्दन विष व्याप्त नहीं, लिपटे रहत भुजंग। इसे नीतीश का लालू के लिए लिखा गया ट्वीट माना गया। इस पर मोदी ने कहा- लालू आपने तो जहर पीया, क्योंकि आपका स्वार्थ है। पुत्र और पुत्रियों को स्थापित करना चाह रहे हैं।लेकिन यदुवंशियों को क्यों पीछे छोड़ा? कौन सांप है, कौन सांप नहीं है, यह तुम दोनों तय कर लो। जहर कौन पीता है, कौन पिलाता है, यह भी तय कर लो। लेकिन बिहार की जनता को जहर पीने के लिए मजबूर मत करो। आज मैं आग्रह से कहने आया हूं। बिहार को हम ऐसे तत्वों पर नहीं छोड़ सकते। दोबारा जंगलराज नहीं आने देंगे।
आर.जे.डी. का मतलब समझते हैं?
पीएम मोदी आर.जे.डी. का मतलब समझाने लगे हैं। आम से खास लोगों की ओर मुखातिर होकर आर.ज.ेडी. का पूरा अर्थ की जानकारी लेने लगे। इसके बाद कहा कि आपलोगों को आर.जे.डी. का अर्थ नहीं मालूम है? मैं बताता हूं- रोजाना जंगलराज का डर।मोदी ने कहा- आज बिहार उसी जंगल राज की ओर घसीटा जा रहा है। क्या मौत का खेल दोबारा चाहिए? लूट-खसोट दोबारा चाहिए? राज्य को इस हालत में छोड़ा नहीं जा सकता। ये चुनाव किसकी सरकार बने न बने, इसके लिए नहीं है। आपने हर किसी को आजमा लिया है। हर प्रकार के मॉडल देख चुके हैं। एक बार हमें भी आजमा कर देखिए। दिल्ली सरकार का लेखाजोखा देखिए। यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2010-2015 तक बिहार को डेढ़ लाख करोड़ मिलता था।अब एनडीए सरकार 2015-2020 में पौने चार लाख करोड़ वितरित करेगी।  दिल्ली में मोदी की सरकार में सबसे ज्यादा मंत्री बिहार के हैं। सबसे महत्वपूर्ण मंत्री बिहार से हैं। एक प्रकार से बिहार के ये नेता पूरे हिंदुस्तान को चला रहे हैं। सारे पॉलिटिकल पंडित देख लें इस रैली को, नतीजा साफ हो जाएगा कि अगली सरकार किसकी बनने वाली है। हम जिम्मेवारियों से भागने वाले लोग नहीं है, जिम्मेवारियों को लेने वाले लोग हैं।मोदी ने कहा- क्या राजनीति में इतनी छुआछूत होती है? टेबल पर परोसी हुई थाली खींच लेना? इससे बहुत ठेस लगी थी। लेकिन जब जीतन राम मांझी पर जुल्म हुआ तो मैं बेचैन हो गया। एक चाय वाले के बेटे की थाली खींच ली तो क्या हुआ? लेकिन जब महादलित की थाली खींच ली तो मुझे लगा कि इनके डीएनए में ही गड़बड़ी है।
लोकसभा के बाद पैकेज का ऐलान कर दूंगा
मोदी ने कहा- लोकसभा चुनाव के वक्त मैंने बिहार की जनता के साथ संवाद किया था। मैंने कहा था- दिल्ली में सरकार बनेगी और पूरी योजना बनने लगेगी तो बिहार को 50 हजार करोड़ रुपए का पैकेज देंगे। वो वादा मैं निभाऊंगा। सिर्फ 50 हजार करोड़ से बात नहीं बनेगी। इससे कई गुना अधिक राशि देंगे। संसद चल रही है इसलिए जुबान पर ताला लगा हुआ है। संसद खत्म होते ही खुद आकर बता दूंगा कि कितना बड़ा पैकेज दूंगा।
मैं नीतीश कुमार के साथ हूं
पीएम मोदी ने कहा कि नीतीश जी ठीक कह रहे हैं कि अगर 6 माह के बाद चुनाव नहीं होता, तो अवश्य ही दनियावां-बिहारशरीफ रेलखंड बनकर तैयार हो जाता। प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी और रेलमंत्री नीतीश कुमार थे। इसके बाद बिहार से ही रेलमंत्री बने। उसपर ध्यान ही नहीं दिए। 11 साल के बाद ध्यान दिया गया और रेलखंड पर गाड़ी दौड़ने लगी। जबकि बिहार से ही अधिकांश रेलमंत्री बने हैं। 
एक बिहारी सब पर भारी
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार बिहारी हैं। पीएम ने तमाम बिहारियों को अपमानित किया है। डीएनए गड़बड़ होने की बात करते हैं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने कहा कि पीएम ने रा.जे.डी. को  रोजाना जंगलराज का डर करार दिया है। इसके जवाब में श्री यादव ने बी.जे.पी. को भारत जलाओ पार्टी करार दिया। यह सब चुनाव तक चलता रहेगा।  
आलोक कुमार

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