Tuesday 7 July 2015

जलजमाव के बीच में ही धरना देने को बाध्य हैं धरनार्थी


पटना। आप खुद देख सकते हैं कष्ट। कई साल से परेशान हैं।कहने को है कि हमलोग राज्यकर्मी हैं। मगर सरकार और राज्यकर्मियों के बीच में दरार है। राज्यकर्मियों की समस्यांत करने की दिशा में सरकार कटिबद्ध नहीं है। इसके आलोक में ही हमलोग कारगिल चौक के बगल में धरना पर बैठे हैं। यहाँ पर गर्मी के दिनों में धरना शुरू किए थे। अब वर्षा होने लगी है। झमाझम वर्षा होने से टैंट भी पानी से रक्षा करवाने में असमर्थ है। वहीं नगर निगम के नकारापन के कारण धरना स्थल पर ही जलजमाव हो गया है। 

सबसे बुरी हालात में हैं बिहार पुलिस संविदा चालक सिपाही संघ के धरनार्थी। बिहार शहरी परिवहन सेवा लि0 की बस ठहराव पर ही कब्जा कर लिए हैं। टेंट से पानी चूं रहा है। काफी जलजमाव हो गया है। इसके आगे बेमियादी धरना पर हैं बिहार मौसमी डी.डी.टी.छिड़काव कर्मचारी यूनियन। टेंट के नीचे ही चौकी पर बैठकर धरना दे रहे हैं।समायोजन की मांग को लेकर बेमियादी धरना दे रहे हैं। इस समय बिहार पंचायत रोजगार सेवक संघ ने बेड मंगा लिया है। वाटरप्रुफ टेंट लगा लिए हैं। इस बेड पर ही बैठकर धरना दे रहे हैं। मात्र एक सूत्री माँग है कि पंचायत रोजगार सेवकों को पदोन्नत कर पंचायत सचिव बना दें। हालांकि, इस बाबत खुद मंत्री ने ही आश्वासन दिए है और नौकरशाहों के द्वारा पंचायत रोजगार सेवकों से पंचायत सचिव का कार्य करवाया जाता हैं। पंचायत सचिव की माँग को लेकर आंदोलनरत पंचायत रोजगार सेवकों को जबरन बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। 

आलोक कुमार

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