Tuesday 11 August 2015

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का घेराव 13 अगस्त को


सूबे के तमाम जिले के महिला पर्यवेक्षिका होगी शामिल
समान कार्य का समान दाम देने का आग्रह

पटना। आई.सी.डी.एस. के अन्तर्गत अनुबंध पर कार्यरत पूरे बिहार की महिला पर्यवेक्षिका दिनांक 8 अगस्त 2015 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए सभी महिला पर्यवेक्षिका ( पटना जिला) दिनांक 11 अगस्त 2015 को जिला समाहरणालय में एकत्रित होकर जिला पदाधिकारी को अपना दस सूत्री मांग पत्र सौंप दिए। इसके बाद 13 अगस्त 2015 को बिहार राज्य के सभी जिलों की अनुबंध पर कार्यरत महिला पर्यवेक्षिकाएं, पटना में मुख्यमंत्री का घेराव करेंगी। 

 बिहार राज्य आई.सी.डी.एस.महिला पर्यवेक्षिका एवं कर्मचारी यूनियन ने जिलाधिकारी, पटना को 10 सूत्री मांगों की सूची सौंपा। बिहार सरकार के द्वारा श्रम कानून को तोड़कर अनुबंध पर कार्यरत आई.सी.डी.एस.महिला पर्यवेक्षिकाओं से 8 घंटे से भी अधिक समय तक कार्य लिया जाता है। कठोर श्रम करने वाली महिला पर्यवेक्षिकाओं को मानदेय के रूप में प्रतिमाह मात्र 12 हजार रू. ही भुगतान किया जाता है। इस बढ़ती मंहगाई में देय राशि ऊँट के मुंह में जीरा सदृश्य है। इधर से और उधर से कटौती करके घर परिवार चलाया जाता है। तभी घर को चलाना असंभव प्रतीत होता है। 
बिहार राज्य आई.सी.डी.एस.महिला पर्यवेक्षिका एवं कर्मचारी यूनियन की महासचिव पार्वती देवी का कहना है कि हमलोग चिलचिलाती धूप या बरसात जैसी विषम परिस्थितिथों में जान जोखिम में डालकर कार्य करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों का भ्रमण कर समेकित बाल विकास परियोजनाओं को सफल करने में महिला पर्यवेक्षिकाएं जुटी रहती हैं। इसके अतिरिक्त विधि व्यवस्था में सहयोग, परीक्षा संचालन,मेला का आयोजन, निर्वाचन के सफल में सफल संचालन में भी योगदान करते हैं। इसके बावजूद भी महिला पर्यवेक्षिकाओं के साथ सरकार के द्वारा भेदभावपूर्ण व्यवहार किया जाता है। 

बिहार राज्य आई.सी.डी.एस.महिला पर्यवेक्षिका एवं कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष कुमार विन्देश्वर सिंह ने कहा कि 10 सूत्री मांगों को लेकर पटना जिले के सभी महिला पर्यवेक्षिकाएं दिनांक 8 अगस्त 2015 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। आज मंगलवार को पटना जिले के जिलाधिकारी को 10 सूत्री मांगों को सौंपा गया। यह है कि अनुबंध पर कार्यरत महिला पर्यवेक्षिका को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए शीघ्र नियमित किया जाय। स्थायी महिला पर्यवेक्षिका के वेतन के समान तत्काल मानदेय राशि दिया जाय। यात्रा भत्ता में वृद्धि की जाय। पांच लाख का जीवन बीमा, दुर्घटना बीमा, स्वास्थ्य बीमा की सुविधा दिया जाय। पेंशन, ग्रेच्युटी, अनुकम्पा एवं सभी सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध करायी जाय। चिकित्सा सुविधा, विशेषावकाश एवं अर्जित अवकाश दिया जाय। अतिरिक्त कार्य हेतु अतिरिक्त भत्ता तथा आई.सी.डी.एस. के अलावा अन्य कार्य न लिया जाय। लम्बित मानदेय का शीघ्र भुगतान किया जाय। अवधि विस्तार सिस्टम समाप्त किया जाय और अंत में प्रोविडेंट फंड एवं सेवा पुस्तिका सुविधा दिया जाय। 

यूनियन के अध्यक्ष कुमार विन्देश्वर सिंह ने  आगे कहा कि आई.सी.डी.एस. के अन्तर्गत अनुबंध पर कार्यरत पूरे बिहार की महिला पर्यवेक्षिका दिनांक 8 अगस्त 2015 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए सभी महिला पर्यवेक्षिका ( पटना जिला) दिनांक 11 अगस्त 2015 को जिला समाहरणालय में एकत्रित होकर जिला पदाधिकारी को अपना दस सूत्री मांग पत्र सौंप दिए। इसके बाद 13 अगस्त 2015 को बिहार राज्य के सभी जिलों की अनुबंध पर कार्यरत महिला पर्यवेक्षिकाएं, पटना में मुख्यमंत्री का घेराव करेंगी। 
आलोक कुमार 


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