इसे
विपक्षी के द्वारा चुनावी रसगुल्ला परोसना करार दिया
पटना।
पी.एम.नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को विशेष पैकेज के रूप में एक लाख करोड़ का तोहफा
दिया। वहीं बुधवार को केन्द्र सरकार ने बिहार में औद्योगिक गतिविधियों को गति देने
के उद्देश्य से राज्य के 21 जिलों को पिछडे
इलाके के रूप में अधिसूचित किया है जिससे उन क्षेत्रों में विनिर्माण इकाई या
उद्योग लगाने पर कर में 35 प्रतिशत तक की
छूट मिलेगी। बिहार की दशा और दिशा में तरक्की लाने के क्रम में केन्द्र सरकार के
द्वारा सुविधाओं को पहुंचायी जा रही है। इसे विपक्षी के द्वारा चुनावी रसगुल्ला
परोसना करार दिया है। इन नेताओं का कहना है कि अगर एन.डी.ए. सरकार बिहार की तरक्की
के प्रति कटिबद्ध है। तो सत्तासीन होने के 2014 के कुछ माह के अंदर लागू कर दिया जाता। इससे बिहारियों को अधिक फायदा हो
जाता।

इस तरह
निर्धारित अवधि के अंतर्गत इन क्षेत्रों में जो भी निर्माण इकाईयां और उद्योग लगाए
जाएंगे उन्हें 20 प्रतिशत के स्थान पर 35 प्रतिशत का
अतिरिक्त मूल्यो ह्रास प्रदान किया जाएगा।
यह 15 प्रतिशत के सामान्य मूल्य ह्रास से अधिक
है। इसके अलावा जो कम्पनी 25 करोड़ रुपये से
अधिक के निवेश से विनिर्माण उद्यम लगायेगी उसे भी 01 अप्रैल 2015 से 31 मार्च 2017 के दौरान नये संयंत्र और मशीनरी के
लिए निवेश पर 15 प्रतिशत के स्थान पर 30 प्रतिशत का निवेश भत्ता मिलेगा।
वित्त
अधिनियम, 2015 के जरिए आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों में संशोधन किया गया है, ताकि बिहार सहित चिन्हित राज्यों में अधिसूचित पिछड़े इलाकों
को कर लाभ प्राप्त हो सके और उनके विकास में गति आ सके। संशोधन के अनुरूप बिहार के
21 जिलों को पिछड़े इलाके के रूप में अधिसूचित
किया गया है, जिनमें पटना, नालंदा, भोजपुर, रोहतास, कैमूर, गया, जहानाबाद, औरंगाबाद, नवादा, वैशाली, शिवहर, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, पूर्णिया, कटिहार, अररिया, जमुई, लखीसराय, सुपौल और मुजफ्फरपुर शामिल है।
आलोक
कुमार
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