आरा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त,2015 को लालकिले के प्राचीर से बारम्बार भारतीय जनसंख्या 1.25 करोड़ को टीम इंडिया कहकर संबोधित करते रहे। प्रधानमंत्री 18 अगस्त को आरा में बिहार का ऑप्सन करने के मूड में थे।बिहार
को विशेष पैकेज देने के बारे में ऑप्सन(विकल्प) पूछ रहे थे आम लोगों से। 60 हजार करोड़ से शुरू किए। इससे अधिक 65 हजार करोड कंरू कि ज्यादा कर दूं! , 70 हजार करोड...... , 75 हजार करोड़......,
80 हजार करोड......., 90 हजार करोड..........? फ़ाइनली सवा लाख
करोड़ की घोषणा की। यह अंतिम ऑप्सन साबित हुआ। इसके उपरांत 40 हजार करोड़ भी दिए। सवा लाख करोड़ और चालस हजार करोड़ रूपए को जोड़ दिया। इस
तरह बिहार को जलील करके 1 लाख 65 हजार करोड़ का विशेष पैकेज दिए।
पीएम मोदी
के द्वारा बतौर 1 लाख 65 हजार करोड़ रू0 का विशेष पैकेज दिए। जिस लहजे से
पीएम ने विशेष पैकेज देने की घोषणा किए। यह विपक्षी दलों के नेताओं के गले उतर ही
नहीं रहा है। पीएम मोदी ने मुजफ्फरपुर में 25 जुलाई को डी.एन.ए. के बारे में, गया में 9 अगस्त को बीमारू राज्य घोषित कर दिए, आरा में ऑप्सन की तरह बोली बोलकर 1 लाख 65 हजार करोड़ रू0 देने का ऐलान
किए। लगभग दाता की तरह बिहार को जलील कर दिए। केन्द्र के समक्ष गिड़गिड़ाते थे। हमें
यह दो और हमें यह चाहिए। सहरसा में 18 अगस्त को सीएम
नीतीश कुमार को अहंकारी करार दिया।राज्य के नेता अहंकार में डूबे हैं। इनका अहंकार
सातवें आसमान पर है। गुजरात और गुजरात में रहने वाले बिहारियों ने 5 करोड़ रू0का चेक कोसी नदी
से पीड़ित लोगों के कल्याणार्थ और विकासनार्थ प्रेषित किया था। उसे अहंकारी नेता ने
वापिस कर दिया। यह सार्वजनिक जीवनधारकों के आचरण के खिलाफ है। यह आचरण उचित है
क्या! ऐसे लोगों को विदाई कर देना चाहिए। आप लोग विदाई कर देंगे न।
लोकनायक
जयप्रकाश नारायण की मौत की जिम्मेवारी कांग्रेस के माथे जड़ दिए। वहीं बिहार को
आंकड़े के सहारे जंगलराज करार देने में कसर नहीं छोड़े। जनवरी, 2015 में गंभीर अपराध की संख्या 13808 थीं। जो 6 माह में बढ़कर 18500 हो गयी। गंभीर अपराध में 34 फीसदी इजाफा हो गयी। यह जंगलराज का आसार है। जनवरी, 2015 में हत्या की संख्या 217 थीं। जो जून में बढ़कर 316 हो गयी। इसमें 46 फीसदी बढ़ोतरी हो गयी। जनवरी,2015 में दंगा होने की संख्या 866 थीं। जो जून में
बढ़कर 1497 हो गयी। इसमें 72 फीसदी बढ़ोतरी हो गयी।
Bihar, Madya
Pradesh,Rajasthan,Uttar Pradesh, Orissa को
बीमारूओ राज्य 1980 को कहा गया। बाद में बोलचाल में
बीमारू राज्य कहा जाने लगा। आज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश
को बीमारू राज्य से बाहर निकाल दिया गया है। इसी तरह का दावा बिहार के मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार भी कहते हैं। मगर पीएम मोदी के द्वारा बिहार के सीएम पर ही बारम्बार
निशाने पर लिया जाता है। यह सब चुनावी मौसम में बढ़त लेने का कदम है।
प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने सहरसा रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अहंकारी बताया. फिर
नीतीश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उनकी एक-एक बात का जवाब दिया. नीतीश ने मोदी को
ललकारते हुए कहा- श्मैं यहीं रहूंगा. एक बिहारी, सब पर भारी पड़ेगा.श् उन्होंने मोदी की बातों को जुमला बताया. कहा- बोलने
में क्या जाता है. कालाधन वापस लाने पर उनके अध्यक्ष ने भी कह दिया था कि जुमला
है।
विशेष
पैकेज पर बोले- ये भी जुमला नीतीश ने कहा कि सवा लाख करोड़ रुपये भी वैसे ही हैं,
जैसे लोगों ने सोचा था कालाधन वापस आएगा और उन्हें 15-15 लाख रुपए मिलेंगे। 1 लाख 40 हजार की मांग तो हम पहले से ही कर रहे हैं। कोई पैकेज
नहीं है. ये री-पैकेजिंग है।
नीतीश ने
मोदी के शब्दों को ही पकड़ते हुए कहा- मोदी एक तरफ याचक कहते हैं और एक तरफ
अहंकारी. जो याचक हो गया वो अहंकारी कैसे होगा। उनकी बातों में विरोधाभास है. मोदी
ने कहा था कि नीतीश बिहार के स्वाभिमान को दांव पर लगा। से मदद मांगने गए थे।इस पर
नीतीश ने ट्वीट भी किया कि बिहार के लिए याचक भी बनना पड़े तो मंजूर है।
आलोक कुमार
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