Friday 21 August 2015

अधिग्रहित जमीन का उपयोग यदि अधिग्रहण की तिथि से पाँच वर्षों तक नहीं ....

पटना .वर्ष 2008 में भारत सरकार इस्पात मंत्रालय द्वारा इस्पात प्रसंस्करण इकाई (Steel Processing Unit) स्थापित करने के नाम पर वैशाली जिले के सहदेई बुजुर्ग प्रखंड के पाँच गाँवों के किसानों से ली गई जमीन किसानों को वापस करने के लिए उच्च न्यायालय पटना में जनहित याचिका दायर की गई है.


याचिकाकर्त्ता इंजीनियर श्यामनंदन प्रसाद सिंह द्वारा याचिका में कहा गया है कि प्रखंड सहदेई बुजुर्ग (वैशाली) के ग्राम कुम्हरकोल बुजुर्ग, रामपुर कुम्हरकोल, चमरहरा, विह्जादी गाँवों के वैसे 210 परिवारों से जमीन ली गई जो पुर्णतः कृषि पर आश्रित थे तथा जिन्हें आशा थी कि इस्पात प्रसंस्करण इकाई खुलने से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे.



पर हश्र यह हुआ कि एक ओर जहाँ अधिग्रहित जमीन पर उद्योग स्थापित करने का कार्य प्रारंभ नहीं किया गया, खेत बंजर पड़े रहे वहीं दूसरी ओर खेती पर निर्भर रहनेवाले किसान बदहाली का जीवन जीने को विवश हैं.
उल्लेखनीय है कि इस इस्पात इकाई का शिलान्यास इलाके से सांसद श्री राम विलास पासवान एवं तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री इस्पात मंत्रालय द्वारा 2008 में किया गया था जो वर्तमान में भी उसी इलाके से सांसद एवं खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री (भारत सरकार) हैं.



याचिकाकर्त्ता के अधिवक्ता श्री मधु प्रसून ने याचिका में उन कानूनी प्रावधानों का भी उल्लेख किया है कि सरकार व संस्था द्वारा अधिग्रहित जमीन का उपयोग यदि अधिग्रहण की तिथि से पाँच वर्षों तक नहीं किया जाता है तो भूमि अधिग्रहण क़ानून 2013 के अनुसार भूस्वामियों को जमीन वापस कर देनी है. चूँकि ली गई भूमि पिछले सात वर्षों से बंजर पड़ा है और इसकी निर्धारित पाँच वर्ष की मियाद जून 2013 में ही पूरी हो चुकी है. अतः कानूनी प्रावधानों के आलोक में हानि की समुचित भरपाई करते हुए किसानों को जमीन लौटाई जाए.

याचिकाकर्त्ता -
इंजीनियर श्यामनंदन प्रसाद सिंह 
प्रेरणा कुंज, आरपीएस मोड़,
नया तोला रोड, दानापुर, पटना 
मोबाईल- 9430251359


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