Saturday 22 August 2015

तूने दिया 15 दिन और हमने दिया 15 दिन का समय


22 सितम्बर, 2015 तक का ठोंका अन्तिमेत्थम

पटना।चपरासी के पद पर मोहन महतो कार्यरत थे बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम में। लेखा विभाग में लेखापाल थे रामकुमार चौधरी।चतुर्थवर्गीय पर पर थे बृजनंदन सिंह। विश्वनाथ राय माली थे। किरानी के पद पर राजेन्द्र चौधरी कार्यरत थे। चौकीदार थे सुरेन्द्र प्रसाद। टाईपिस्ट अश्विनी कुमार थे। इन लोगों के साथ 25 लोग है जो बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम में काम करते थे।

जिला प्रशासन के द्वारा निर्देशित स्थल गर्दनीबाग में शनिवार को राजकीय लोक उपक्रम महासंघ (भारतीय मजदूर संघ) के आह्वान पर बिहार पुलिस भवन निर्माण भवन के मृत कर्मियों के आश्रितों द्वारा आमरण - अनशन सत्याग्रह किया गया।  मौके पर विधवा क्रांति देवी कहती हैं, कि उनके पतिदेव मोहन महतो का निधन 1992 में हो गया। वह लगातार 23 सालों से घर से दफ्तर तक मैराथन दौड़ लगा रही हैं।मेहनत करने के बाद आश्वासन की घुंटी पिलायी जाती। शंकर कुमार महतो कहते हैं कि उनके पिताश्री रामकुमार चौधरी का देहावसान 1998 में हुआ। सुनैना देवी कहती हैं कि उनके पतिदेव बृजनंदन सिंह का निधन 1999 में हो गया। सुनील कुमार के पिताजी विश्वनाथ राय का निधन 2000 में हुआ। रत्ना प्रिया कुमारी कहती हैं कि उनके पिताश्री राजेन्द्र चौधरी का देहांत 2007 में हो गया। 2009 में सुरेन्द्र प्रसाद का निधन हो गया। उनका पुत्र गणेश कुमार ने जानकारी दिए। अग्नि पुष्पम कुमार कहते हैं कि उनके पिताश्री अश्विनी कुमार 2011 में परलोक चले गए।

अनशन करने वालों में अग्नि पुष्पम कुमार कहते हैं कि बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम में अनुकम्पा के अधार पर नियुक्ति के मामले को टाल-मटोल करने पर अनुकम्पा के हकदार आश्रितों द्वारा आमरण-अनशन करने का निर्णय लिया। बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम की निदेशक पर्षद की दिनांक 18.03.2015 को आयोजित बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार अनुकम्पा के आधार पर नियोजन का आदेश दिया गया। दिनांक 18.06.2015 तक पुनः अनुकम्पा के आश्रितों से आवेदन पत्र बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम, मुख्यालय में सचिव के माध्यम से अग्रतर कार्रवाई हेतु मांगा गया। दिनांक 18.06.2015 तक आवेदन देने के बाद जब अनुकम्पा के आश्रितों ने सचिव से मिले तो सचिव ने कहा कि आपलोगों को नियुक्ति एक सप्ताह के अंदर कर दी जाएगी, लेकिन 45दिन गुजर जाने के बावजूद भी हमलोगों की नियुक्ति नहीं हुई। अनुकम्पा के आश्रितों के मन में एक बार फिर से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पूर्व की भांति इस बार भी अनुकम्पा के आश्रितों के नियुक्ति में टाल-मटोल की स्थिति अपनाई जा रही है और जान-बुझकर किसी साजिश के तहत मामले को लंबित करने की कोशिश की जा रही है, ताकि तब तक बिहार में आदर्श आचार संहिता लग जाए और अनुकम्पा के आधार पर नियुक्ति का मामला ठंडे बस्ते में चला जाए। आगे अग्नि पुष्पम कुमार कहते हैं कि बिहार भवन निर्माण निगम में रोज नई नियुक्तियां की जा रही हैं,निगम में वर्ग 3 एवं वर्ग 4 में बहुत सारी रिक्तियां भी है।आग्रह किया गया है कि अनुकम्पा के आधार पर जल्द से जल्द नियुक्ति कर दी जाए।

मजे की बात है कि अभी-अभी मृत कर्मियों के आश्रितों द्वारा आमरण- अनशन सत्याग्रह शुरू ही किया गया। उधर बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के अधिकारियों के बीच में हड़कम्प मच गया। महामहिम राज्यपाल, सीएम आदि समेत 17 लोगों के पास प्रतिलिपि प्रेषित कर दिया गया। आननफानन में द्विपक्षीय समझौता वार्ता शुरू की गयी। बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के सचिव आनंद कुमार श्रीवास्तव ने दो सप्ताह का समय मांगा। इनके साथ सहायक सचिव कर्म लाल और निजी सचिव जितेन्द्र कुमार थे। वहीं अनशनकारियों की ओर से राजकीय लोक उपक्रम कर्मचारी महासंघ संगठन मंत्री जगदीश मंडल,संयुक्त सचिव गोपाल तिवारी और कार्यालय सचिव अनिल कुमार रूर्खेबार के अलावे बिहार पुलिस बिल्डिग कंसटक्शन के उपाध्यक्ष सुखू शाह थे।

एक सवाल के जवाब में अनशनकारी अग्नि पुष्पम कुमार ने कहा कि बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के अधिकारी 15 दिनों का समय दिया है। इस बीच चयनित 25 मृतकों के आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर नियुक्ति कर लेंगे। हमलोगों ने अनशनकारियों की ओर भी 15 दिनों का समय दिया है। इस तरह अधिकारियों के पास पूरे 30 दिनों का समय है। अपना वादा पूरा कर लें। अगर ऐसा नहीं करते हैं, तो 30 दिनों की अन्तिमेत्थम दी गयी है। नहीं तो 22.09.2015 से आमरण-अनशन सत्याग्रह करने पर उतर जाएंगे।

आलोक कुमार


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