शेखपुरा जिले के दीलिप कुमार की हाथ टूटने के बाद चढ़ा प्लास्टर |
शेखपुरा जिले के दीलिप कुमार की हाथ टूटने के बाद चढ़ा प्लास्टर
लाठी की मार से निर्मल और बैजनाथ के बांह पर निशान
पटना। बिहार राज्य मान्यता प्राप्त सांख्यिकी स्वयं सेवक संघ आमरण अनशन पर हैं। 29 जुलाई से मकसुद अहमद, गोपाल यादव, मुरारी प्रसाद यादव, रामेश्वर प्रसाद चौरसिया, मंजय कुमार चन्द्रवंशी, रोहित रंजन आदि आमरण अनशन शुरू किए। इन अनशनकारियों में 6 की हालत खराब होने पर पी.एम.सी.एच. में भर्ती कर इलाज करवाया गया। हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने के बाद स्वास्थ्य लाभ करने घर प्रस्थान कर गए हैं। मंगलवार को पक्की नियोजन और नियमित वेतनमान की मांग करने वालों को पुलिसिया लाठी मिली। रोहतास के निर्मल कुमार आजाद और जमुई के बैजनाथ कुमार चौधरी की बांह पर लाठी की मार के निशान पड़ गयी। नालंदा की देवंती देवी भी घायल हैं। पुलिस ने 40 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया।
बिहार राज्य मान्यता प्राप्त सांख्यिकी स्वयं सेवक संघ के प्रदेश संयोजक मंजय कुमार चन्द्रवंशी ने कहा कि वर्ष 2012-2013 में योजना एवं विकास विभाग,बिहार,पटना ने 7,639 नौजवानों को बहाल किया। मानदेय के रूप में 5 हजार रूपए अथवा 12 माह के 60 हजार रूपए देने की घोषणा की गयी। जो घोषणा ही साबित हुई । शैक्षणिक स्तर इंटरमीडियट पर बहाल होने वालों से गैर शैक्षणिक कार्य करने की जिम्मेवारी दी गयी। किसी को आर्थिक ,सामाजिक और बेरोजगारी गणना करने को दिया गया। इसके अलावे जन्म प्रमाण और फसल कटनी का भी दायित्व सौंपा गया। दुर्भाग्य से योजना एवं विकास विभाग,बिहार,पटना ने केवल 2 माह ही कार्य करने को दिया। इसके बाद विभाग के द्वारा नौजवानों को न काम और न ही दाम दिया जा रहा है।
लाठी की मार से निर्मल के बांह पर निशान |
बिहार राज्य मान्यता प्राप्त सांख्यिकी स्वयं सेवक संघ के प्रदेश संयोजक मंजय कुमार चन्द्रवंशी ने कहा कि कारगिल चौक, गांधी मैदान में जमकर आमरण अनशन संचालित है। इस बीच कैंडिल मार्च भी निकाला गया। इस अवसर पर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गयी। 2 अगस्त को थाली पीटकर प्रदर्शन किया गया। 3 अगस्त को बिहार विधान सभा के सामने प्रदर्शन करने जा रहे थे कि पुलिस ने घेरकर लाठी चार्ज कर दी। पुलिस की तानाशाही रवैया यह रहा कि न ही महिला और न ही पुरूष देखी बस लाठी चार्ज करते चले गए।
सर्वश्री अनुज चौधरी, शंभु झा, मनोज कुमार,शिवकुमार, देवचन्द्र मिश्रा,शशि कुमार आदि ने माननीय पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से आग्रह किया गया है कि सरकार पर नियत्रंण करें। अव्वल सरकार ने हमलोगों को बहाल किया गया। 60 दिनों तक कार्य दिया गया। इसके बाद दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकाल बाहर कर दी। सरकार को खोलकर बोलना चाहिए था कि केवल 60 दिनों तक ही कार्य देंगे। ऐसा नहीं किया गया। कृपया हस्तक्षेप करके बहाली को नियमित कर दी जाए।
आलोक कुमार
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