तकरीबन 4 करोड़ बिहारी ग्रामीण मजदूर सम्पतिविहीन
पटना।
बिहार विधान सभा का चुनाव सामने है। सही निर्णय लेने के लिए आपको यह जानना चाहिए
कि सामाजिक, आर्थिक जातीय जनगणना के अनुसार
तकरीबन 4 करोड़ बिहारी ग्रामीण मजदूर सम्पतिविहीन
वंचित हैं। आज स्कली और विश्वविघालयी शिक्षा की खास्ता हालात पर काई चर्चा नहीं हो
रही है। कंगाली के अवस्था में आ चुके किसानों के हालात पर भी कोई राजनीतिक बहस
नहीं है। पिछले 25 वर्षों के ‘विकास’ में अफसर,नेता और उनके मित्र ठेकेदारों ने बेशुमार धन अर्जित किया है।
आम आदमी
(यूनाइटेड) के तत्वावधान में रविवार को कारगिल चौक,गांधी मैदान,पटना में आयोजित ‘जन-संसद में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। क्रांति दिवस
के अवसर जन-संसद में सवाल उठाया गया कि 67 वर्षों
के कांग्रेसी,भाजपाई तथा जनता परिवारीय शासन में
किए गए विकास के दावों के बावजूद आधी ग्रामीण आबादी आवासहीन एवं वंचित क्यों?
छोटे एवं मध्यम किसान बदहाली और कंगाली से आत्महत्याओं
के लिए मजबूर क्यों? वर्तमान सरकार ने अफसरों,नेताओं एवं उनके ठेकदारों को जनधन लूटने की खुली छूट और
मनमाने शासन का अधिकार क्यों दिया है? क्या
नीतीश कुमार वोटबैंक की राजनीति के लिए अति पिछड़ी जातियों के लिए नौकरियों में
आरक्षण के लिए बने सूची में अपेक्षाकृत मजबूत एवं धनी पिछड़ी जातियों को गैरकानूनी
तरीके से जोड़कर असली वंचितों की हकमारी कर सामाजिक अन्याय नहीं कर रहे हैं?
क्या हमें एक नयी राजनीतिक पहल कर भ्रष्ट अफसरशाही मुक्त
प्रशासन एवं जनपक्षीय विकास की शुरूआत नहीं करनी चाहिए?
जन संसद
में यह भी चर्चा हुई कि बिहार में भाजपा या नीतीश किसी का भी सरकार बने। आम जनता
के लिए क्या अंतर पड़ता है? इन्हें जनता के
सवालों से कोई मतलब नहीं है। अगर होता तो सात सालों के सांझा शासन में वंचितों की
समस्या दूर हो सकती थी। आवासविहीनों को जमीन और घर मिल गया होता। बच्चों को अच्छी
स्कूली शिक्षा मिलती, अफसरों का भ्रष्टाचार खत्म हो जाता।
पुलिस का जुल्म कम हो जाता। कुछ औघोगीकरण हो पाता। बस वैसे काम किए गए जिससे
अफसरों, ठेकेदारों और नेताओं को लाभ हो, भ्रष्ट पूंजीपतियों को लाभ हो। आम लोग प्रतिदिन कमजोर हो रहे हैं।
सत्ता तथा धन से दूर ले रहे हैं।
चर्चा में
बसंत कुमार चौधरी (वरीय अधिवक्ता एवं संयोजक), प्रो. नवल किशोर चौधरी, किशोरी दास,
उस्मान हलालखोर, रूक्साना
कुरैशी, मो. हैसामुद्दीन अंसारी, राम संदेश राय, आरिफ रजा मासूमी,
सत्येंीन अंसारी, राम संदेश राय, आरिफ रजा मासूमी, सत्येंद्र सिंह, मो.आसिक कव्वाल
उर्फ चांद पुतली, रवि कुमार, हसमैन अंसारी, उदय प्रताप सिंह, रेयाजद्दीन बरखू, नसीम अहमद,
डा0 सत्यनारायण
शर्मा, पन्ना लाल, लोकेश कुमार, प्रियंका एवं अन्य लोगों ने भाग
लिया।
आलोक
कुमार
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