भगवानबच्ची को सुरक्षित रख सके |
पटना।
दीघा थानान्तर्गत नाच बगीचा में घर है। दीघा मुसहरी में सास रहती हैं। अभी दीघा
मुसहरी में सात माह में जन्मी बच्ची के साथ रहती हैं।महादलित मुसहर समुदाय के गरीब
परिवार से तालुकात है। इस लिए सात माह की बच्ची का भरण-पोषण घर में ही हो रहा है।
रईसजादे के बाल-बच्चा रहने पर हॉस्पिटल में चिकित्सक और परिचारिकाओं के द्वारा
देखभाल में बच्ची बढ़ती। यह सच्चाई है कि इस देश में अमीरी और गरीबी बरकरार है।
समाजवाद लाने वाले सत्ता के नशे में चुर हैं। बिहार के 16 प्रतिशत दलित में 12 प्रतिशत महादलित
के नेता बनने के चक्कर में नेताजी । बिरादरी के बारे में ख्याल ही नहीं
है नेताजी को । जरूर ही वोट मांगने द्वार पर आ ही जाएंगे।
आप जरूर
ही मुसहरी के वातावरण से वाकिब होंगे? गंदगी से
लबालब मुसहरी है। यहां अनेकों लोग जानलेवा टी.बी.बीमारी से आक्रांत होकर परलोक
सिधार चुके हैं। इस तरह के विषांक्त जानलेवा वातावरण में सात माह की बच्ची कैसे
रहेंगी? भगवान न चाहे कि इस बच्ची को किसी जानलेवा बीमारी
का संक्रमण लग जाए। उस गरीब परिवसर को चुनौती है कि वह सात माह की बच्ची को
सुरक्षित रख सके।
परिवार
वालों ने बताया कि गर्भावस्था में मां को मिर्गी का दौरा पड़ा था। दौरा पड़ने के
कारण ही समय पूर्व बच्ची का जन्म हुआ। पी.एम.सी.एच.में मां को भर्त्ती किया गया।
वहीं पर सामान्य प्रसव से बच्ची का जन्म हुआ। अभी मां बेहतर स्थिति में है।
दवा-दारू चल रहा है। इस सयम बच्ची भी ठीक ही हैं।
आलोक
कुमार
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