Friday, 11 September 2015

पटना जिले के जिलाधिकारी से आग्रह है कि सुमन कुमारी का इलाज करवाएं



इस पिंड में भगवान 
पटना।  डाक बाबा मुर्गा मांगे,बरछी बाबा सुअरा,देवी मांगे पुआ-पुरी, तबहु बबूआ के आवें फरका। भरम के हव भटका। सुन मोरा दीदी, भरम के हव भटका। सुन मोरा भईया, भरम के हव भटका। पढ़ल लिखल पर देवता ना आवें, मूरखा बने भगता......। सुन मोरा दीदी, सुन मोरा भईया। इस तरह की गीत गाकर लोगों को जागरूक बनाया जाता है। 

बिहार विधान सभा के अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी गीत गाते हैं। केवल गीत ही नहीं गाते हैं बल्कि एनजीओ समय के दौरान किए गए कार्यों का बयान भी करते हैं। एनजीओ छोड़कर राजनीति में चले जाने के बाद महादलित मुसहर समुदाय का कल्याण और विकास नहीं हो सका।
तबहु बबूआ के आवें फरका

यह उपासना स्थल है महादलित मुसहर समुदाय का कई पिंड है। इस पिंड में भगवान के स्वरूप देखते हैं।एलसीटी घाट,पटना के नौजवानों ने चंदा संग्रह करके उपासना स्थल बनायें हैं।24 घंटे बिजली बल्ब जलते ही रहता है। बिजली बल्ब जलाकर उपासना स्थल को जरूर इंजोर कर दिए हैं। पर एलसीटी घाट मुसहरी में व्याप्त अंधविश्वास को दूर नहीं कर सके और न ही अंधेरे को प्रकाशमय नहीं कर पा रहे हैं।

यहां पर अर्जुन मांझी और गीता देवी की बेटी सुमन कुमारी हैं। जो बीमारी के बाद आंख से देख नहीं सकती हैं। गरीबता के कारण सुमन कुमारी का इलाज नहीं करवा पा रहे हैं। अब तो सुमन कुमारी के पिताश्री अर्जुन मांझी भी बीमार है। चलना और फिरना बंद हो गया है। ऐसा लग रहा है कि नस में खामियां आ जाने के कारण शरीर में दर्द होने लगता है। केवल सुमन कुमारी की मां रीता देवी कागज आदि चुनकर परिवार को खाना खिलाने में सफल हो रही हैं। एनजीओ और सरकार को ध्यान देने की जरूरत है।पटना जिले के जिलाधिकारी से आग्रह है कि सुमन कुमारी का इलाज करवाएं।


आलोक कुमार

No comments: