रोने वाले फिरोज को मां के द्वारा दुलार नहीं मिलने पर फिरोज तनमना गया |
मां सुनैना को स्तनपान करा रहीं है
फिरोज को बर्दाश्त नहीं हुआ
पटना।राजधानी के बगल में है गंगा टावर। इसके सामने एल.सी.टी.घाट मुसहरी है। यहां पर महादलित मुसहर समुदाय के लोग रहते हैं। गरीबी के कारण रद्दी कागज आदि चुनने जाते हैं। हाल के दिनों में शादी करने वाली महिला ने दुधमुंही बच्ची और एक मासूम बच्चा को छोड़कर रद्दी कागज चुनने गयी थीं। कूड़ों के ढेर पर चक्कर लगाकर रद्दी कागज चुनने में कामयाब हो सकी।
वह महिला रद्दी कागज से भरे बोरे को जमीन पर रख दी।जमीन पर लेटी दुधमुंही बच्ची को उठाकर स्तनपान कराने लगीं। मां के लिए फिरोज रो रहा था। रोने वाले फिरोज को मां के द्वारा दुलार नहीं मिलने पर फिरोज तनमना गया। स्तनपान करवाने वाली मां को फिरोज तंग करने लगा। फिरोज चाहता था कि मां दुधमुंही सुनैना को स्तनपान करवाना बंद करें और उसे गोद में बैठा लें। इस तरह मां के द्वारा नहीं करने पर मां से उलझने और चेहरा नोंचने लगा। मौके पर उपस्थित बच्चे और महिलाएं हटाने का प्रयास किए परन्तु सफल नहीं हुए। लोगों का कहना है कि फिरोज को मां का दुलार और प्यार चाहिए। इसी लिए फिरोज हंगामा कर रहा है। लोगों का कहना है कि जबतक पहले वाले बच्चे 3-4 साल के नहीं होते हैं तबतक दूसरा बच्चा नहीं आना चाहिए। यहां तक बहुत जल्द ही मां की कोख में बच्ची आ गयीं। अब पहले वाले बच्चा का अधिकार दूसरे बच्ची को मिलने लगा है। इसी का विरोध फिरोज कर रहा है।
जी हाँ, गुर बातें सामने आ गयी। जरूर ही गर्भधारण के बीच में अंतराल जरूरी है। इसको लेकर बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति प्रयासरत हैं। छोटे और सुखी परिवार वास्ते स्वास्थ्य विभाग सचेत है। इस बाबत स्वास्थ्य विभाग द्वारा युद्धस्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाता है। परिवार कल्याण विभाग द्वारा ‘बीबी रखो टीप -टॉप और दो के बाद फुलस्टॉप, अगल बच्चा अभी नहीं दो के बाद कभी नहीं का नारा भी इजाद किया जाता है।
सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर परिवार नियोजित और गर्भधारण अवधि को विस्तार हेतु दवा और उपकरण उपलब्ध है। गर्भधारण अवधि को विस्तार के लिए कंड्रोम,कॉपर-टी आदि उपलब्ध है। वहीं परिवार नियोजित करके लिए बंध्याकरण और नसबंदी की सेवा उपलब्ध है। प्राकृतिक परिवार नियोजन को भी अपनाया जाता है। मासिक चक्र को ध्यान में रखा जाता है। उसी चक्र के अनुसार ‘संभोग’किया जाता है। खासकर महिलाओं को सचेत और जानकारी रखनी पड़ती है। इसमें पार्टनर का भी सहयोग प्राप्त करती हैं। महिला के अनुसार ही हम बिस्तर होते हैं। इसमें जोर दर्बदस्ती करने से खतरा बढ़ जाती है। इस हालात में गर्भधारण होने की संभावना बढ़ जाती है।
आलोक कुमार
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