पटना। बेलगाम बाजार है। चुनाव में मस्त हैं। उपभोक्ता पस्त हैं। खाघ एवं उपभोक्ता विभाग लापरवाह बन गया है। उपभोक्ताओं का कहना है कि तराजू और किलोग्राम में खोट है। विक्रेता मनमौजी से समान देते हैं। अगर सब्जी विक्रेता को सब्जी बेचनी है तो सवा किलोग्राम दे सकते हैं। अगर क्रेता माँग करते हैं तो सवा किलोग्राम सब्जी नहीं बेचते हैं।
बहरहाल खुदरा विक्रेता प्रोडेक्ट पर निर्धारित मूल्य (एमआरपी) पर अंकित मूल्य से अधिक मूल्य बटोर रहे हैं। बाजार में दो तरह की पांवरोटी है। एक ब्रेड की कीमत 20 रू.है। दूसरी की कीमत 19 रू.अंकित है। फिर भी 19 के बदले 20 रू. वसूल रहे हैं।
आज मखदुमपुर मोहल्ला में स्थित दुकान से 4 एवरेस्ट सांभर मसाला की माँग की गयी। विक्रेता ने क्रेता से 20 रू. देने को कहा। आगे बढ़कर सांभर मसाले के रेपर पर ध्यान से देखा गया तो पता चला कि रेपर पर एमआरपी कीमत 4 रू. है।मगर दुकानदार ने 5 रू. की दर से 4 पॉकेट सांभर की कीमत 20 रू.ले लिया। इस ओर ध्यान दिलाया गया तब जाकर उसने अधिक मूल्य लेने के बदले एक और सांभर मसाला दिया।
यह सब दीघा (पटना) क्षेत्र में खुलेआम हो रहा है।इसका विरोध करने पर दुकानदारों का कहना है कि मॉल और रेलवे में अधिक कीमत ली जाती है। एमआरपी से अधिक की कीमत वसूली जाती है। कोल्ड ड्रिक्स पर भी अधिक कीमत ली जाती है। कहा जाता है कि बिजली भुगतान करके ही कोल्ड ड्रिक्स देते हैं। इसी लिए अधिक कीमत ली जाती है।
जब उपभोक्ता के द्वारा रकम लेने का पूजा देने को कहा गया तो कहा कि हम लिखकर दे सकते हैं। जब उपभोक्ता ने दुकानदार से कहा कि आप दुकान का नाम और मुहर लगाकर कीमत लिखें। तो दुकानदार बत्तीसा दिखाने लगा। इतना कारोबार करते हैं। कोई बवाल नहीं होता है। आप हंगामा कर रहे हैं। मगर कुछ भी नहीं होगा। हां, कुछ नहीं होगा। उस समय होने लगा जब विभाग के लोग विभागीय कार्रवाई करने लगेंगे।जागो ग्राहक ....जागो ग्राहक......।
आलोक कुमार, मखदुमपुर बगीचा, दीघा घाट,पटना।
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