Friday 30 October 2015

एक माँ ने जन्म देते ही जुड़यां बेटियों को ठुकरा दिया

.......और  देश-प्रदेश-विदेश में मिसाल कायम कर दी

अविवाहित महिला चिकित्सक डाक्टर कोमल ने कोमल दिल से बच्चियों को अपना लिया

पटना। आने वाले को आने नहीं देते और जो जाते हैं उसे जीने ही नहीं....... एक निजी अस्पताल में एक महिला ने अस्पताल में जुड़वां बेटियों को जन्म दिया। माँ ने उन बच्चियों को गर्भ में संभालकर 9 माह तक सुरक्षित रखी। सामान्य प्रसव से 2 बच्ची जन्म ली। ममतामयी ने दिल पर पत्थर रखकर अभी-अभी धरती पर आने वाली मासूमों को अस्पताल में ही छोड़कर नौ दो ग्यारह हो गयी। ऐसा करने से मानवता शर्मशार हो गया। मासूम बच्चियों के साथ किए गए व्यवहार ने माँ-बाप के रिश्ते पर ही सवाल खड़ा कर दिया। एक माँ ने जन्म देते ही जुड़यां बेटियों को ठुकरा दिया। वहीं पर इलाज करने वाली अविवाहित महिला चिकित्सक डाक्टर कोमल ने कोमल दिल से बच्चियों को अपना लिया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेटी बचाओं मुहिम चला रखा है। इस मुहिम में गुलावठी के गाँव ईसेपुर निवासी सीताराम यादव की सुपुत्री डाक्टर कोमल भी जुड़ गयी हैं। निजी अस्पताल के प्रबंधन ने डाक्टर कोमल को समझाया कि आप अविवाहित हैं। उक्त प्रबंधक के द्वारा लाख समझाने का असर 29 वर्षीय अविवाहित डाक्टर कोमल पर नहीं पड़ा। अपने नाम के अनुसार डाक्टर कोमल ने कार्य किया। देश-प्रदेश-विदेश में मिसाल कायम कर दी।

इस समय फरूखाबाद में स्थित निजी अस्पताल में डाक्टर कोमल कार्यरत हैं। इस अस्पताल की तमाम औपचारिकाएं पूर्ण करने के बाद डाक्टर कोमल ने मासूम जुड़वां बहनों को लेकर अपने गाँव पहुँची तो पूरे गाँव में जश्ननुमा माहौल बन गया। ग्रामीणों ने डाक्टर साहब को आँखों में बिछा लिए। तमाम लोगों ने मान-सम्मान देने लगे।

डाक्टर कोमल ने बताया कि ड्यूटी के दौरान एक महिला ने अस्पताल में जुड़वां बेटियों को जन्म दिया था। 10 दिन पूर्व की बात है। जो आपलोगों के सामने हैं। डाक्टर कोमल का कहना है कि उसे नामालूम है कि आखिरका माँ ने अपने मासूम बच्चियों को परित्याग कर दिया। अनुमान लगाया जाता है कि जरूर परिवार वाले के जोरजर्बस्ती से माँ को बच्चियों को छोड़ना पड़ा। खैर, एक माँ ने बच्चियों को ठुकराया और दूसरी पालक माँ बनकर अपना लिया। अब पालक माँ की जिम्मेवारी बन गयी है कि दोनों बच्चियों को बेहतर ढंग से पाले और शिक्षित करें।


आलोक कुमार, मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।  

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