Saturday 28 November 2015

सूरज के डूब जाने के बाद क्रिकेट अस्त नहीं होगा

प्रथम एक दिवसीय दिवा-रात्रि अंतर्राष्ट्रीय मैच 27 नवम्बर,1978 को

प्रथम दिवा-रात्रि टेस्ट मैच 27 नवम्बर,2015 को

प्रथम एक दिवसीय दिवा-रात्रि
ऑस्ट्रेलिया। क्रिकेट को रंग-बिरंगी स्वरूप देने का श्रेय कैरी पैकर नामक ऑस्ट्रेलियन को जाता है। प्रायः जेंटलमैन गेम क्रिकेट सफेद पोशाक में ही खेला जाता था। वह भी सूरज की रोशनी में और लाल गेंद से। सूरज के डुबने के साथ ही क्रिकेट भी डूबे नहीं। कृत्रिम रोशनी में क्रिकेट संभव है। दिवा-रात्रि क्रिकेट का जन्म हुआ। एक दिवसीय दिवा-रात्रि मैच में कैरी पैकर ने रंगीन वस्त्र और रंगीन गेंद का इस्तेमाल किया। उसने परम्परागत लाल गेंद के बदले सफेद गेंद का प्रयोग किया। क्रिकेट में इस तरह से बदलाव करने से कैरी पैकर की आलोचना भी की गयी। इस क्रिकेट को सर्कस और पैजामा क्रिकेट कहा गया। इस तरह के बदलते स्वरूप वाले मैच में दर्शक और क्रिकेटर जुड़ते चले गए। इसे बाद में आईसीसी ने भी स्वीकार किया। आखिरकार सपना साकार हुआ। प्रथम एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय दिवा-रात्रि मैच 27 नवम्बर, 1978 को खेला गया। सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में 2 बजे से ऑस्ट्रेलिया और वेस्ट इंडीज के बीच खेला गया। ऑस्ट्रेलिया ने वेस्ट इंडीज को पराजित कर दिया।

प्रथम दिवा-रात्रि टेस्ट
अब 37 साल के बाद टेस्ट मैच भी दिवा-रात्रिः एक दिवसीय दिवा-रात्रि मैच के 37 साल के बाद दिवा-रात्रि टेस्ट मैच का आयोजन ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच में खेला जा रहा है। केवल गेंद में बदलाव किया गया है। रेड के बदले पिंक है। सफेद ही पोशाक में मैच खेला जा रहा है। न्यूजीलैंड के कप्तान ब्रेडमैन मैक्कलम ने 27 नवम्बर,2015 को ऐतिहासिक दिवा-रात्रि टेस्ट मैच में टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का फैसला किया। इस तरह क्रिकेट का नया सबेरा प्रारंभ हुआ। एडिलेड क्रिकेट ग्राउंड में गुलाबी रंग की गेंद के साथ मैदान में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी उतरे। न्यूजीलैंड ने प्रथम पाली में 202 रन पर लुढ़क गया। इसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने 224 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया को 22 रन की बढ़त मिली। अभी द्वितीय पाली में न्यूजीलैंड 3 विकेट खोकर 65 रन बनाए हैं। इस तरह न्यूजीलैंड की बढ़त 43 रन ही है और 3 महत्वपूर्ण खिलाड़ी आउट हो गए हैं। आज द्वितीय दिवस है।


आलोक कुमार

मखदुमपुर बगीचा, दीघा घाट,पटना।

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