Monday 21 December 2015

दानापुर-

आज भी श्याम सुन्दर हरिजन प्राथमिक विघालय
बरकरार
 महात्मा गांधी जी का हरिजनों का विघालय

 दानापुर। सरकारी फरमान है कि जाति और पहचान सूचक हरिजन शब्द का प्रयोग न हो। हरिजन लिखने के बजाए अनुसूचित जाति लिखा जाए। फिलवक्त इस फरमान को 1995 से ठेंगा दिखाया जा रहा है। 

इसी रोड के किनारे लघु शंका करते हैं
ताला से जकड़ दिया है शौचालय



यह हाल दानापुर छावनी परिषद के क्षेत्र का है। बगल में उप कारा और सामने में अनुमंडल अस्पताल है। सांसद स्थानीय क्षेत्रीय विकास योजना अन्तर्गत सांसद श्री रामकृपाल यादव के सौजन्य से निर्मित है श्याम सुंदर हरिजन प्राथमिक विघालय,दानापुर। पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद द्वारा उद्घाटन 17.12.1995 को किया गया। 20 साल से हरिजन विघालय संचालित है। इस विघालय की प्रधानाध्यापिका कहती हैं कि कक्षा पांच तक की पढ़ाई होती है। यहां पर दो रूम और चार टीचर हैं। दो क्लास के बच्चों को एक ही रूम में बैठाकर अध्ययन कराया जाता है। एक क्लास के बच्चों को बरामदा में बैठाकर पढ़ाया जाता है। 1995 से 1999 तक केवल हरिजनों के बच्चे हरिजन स्कूल में पढ़ते थे। जब टीचर बनकर आयी तो सभी जाति के बच्चों के लिए हरिजन स्कूल के द्वार खोल दिए। आज स्कूल में बच्चे अधिक संख्या में पंजीकृत और उपस्थित रहते हैं। 

 उनका कहना है कि इस स्कूल के पास पर्याप्त जमीन नही है। बच्चे खेल नहीं पाते हैं। दो शौचालय है। चाभी मांगकर बच्चे शौचालय जाते हैं। शौचालय को ताले से जकड़कर रखा गया है। वहां जाने के मार्ग में गंदगी है। टीचरों को आवश्यकता ही नहीं पड़ती है कि वे शौचालय का प्रयोग करें। गंदगी की वजह से क्लास रूम की खिड़की बंद रखी जाती है। दुर्भाग्य है कि शौचालय रहते उचित प्रयोग नहीं हो रहा है। बच्चे स्कूल के बगल में रोड पर ही लघु शंका करते हैं। इस स्कूल के पीछे रहने वाले लोग नाले में ही शौचक्रिया करते हैं। गंगा नदी से विस्थापित होकर छावनी परिषद की जमीन पर रहते हैं। 






आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना। 

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