Saturday 12 December 2015

नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में

नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक बन चुके डॉ. संतोष कुमार को 
बचाने के उद्देश्य से मामले को दबाया जाता रहा

पटना। ऐतिहासिक अगमकुंआ कुआं के निकट है नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल। Multislice Spiral CT Scan  मशीन को 2007 में खरीदी गयी। इस मशीन की लागत 1.5 करोड़ रूपए की थी। जल्द ही रोगियों की जांच करने वाली Multislice Spiral CT Scan  मशीन की खरीदारी में घोटाले के बदबू आने लगी। इस सन्दर्भ में जाँच एवं आवश्यक कार्रवाई हेतु तथ्यात्मक आवेदन संबंधित अधिकारियों को समर्पित की गई।प्रदेश में ऊँची राजनीतिक पहुँच रखनेवाले कॉलेज के तत्कालीन उपाधीक्षक और घोटालों में लिप्ता के बावजूद भी अब नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक बन चुके डॉ. संतोष कुमार को बचाने के उद्देश्य से मामले को दबाया जाता रहा है। पूर्व में कई-कई बार प्रिंट और दृश्य मीडिया के द्वारा उछाले जाने के बावजूद इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। सीएम नीतीश कुमार, मुख्य सचिव, प्रधान सचिव (स्वास्थ्य विभाग), प्रधान सचिव (निगरानी विभाग), पुलिस महानिरीक्षक तथा पुलिस अधीक्षक (आर्थिक अपराध शाखा), बिहार सरकार को तथ्यों के साथ लिखित रूप में, मेल से तथा जन शिकायत निवारण हेतु उपलब्ध online पोर्टल पर भी विस्तृत जानकारी दी गई। पर इनका उद्देश्य स्पष्ट रूप से इस मामले के आरोपी को बचाना तथा उन्हें लाभ पहुँचाना था। अतः इन्होने मामले को ठंढे बस्ते में डाल रखा है। इसी कॉलेज में 2008 तथा 2009 में हुई वित्तीय अनियमितता पर निगरानी की जाँच चल रही है और मीडिया की ख़बरों के अनुसार चौदह लोगों पर प्राथमिकी भी दर्ज हुई है, पर डॉ. संतोष कुमार की ऊँची पहुँच की वजह से उन्हें जान-बूझकर राहत ही नहीं बल्कि लाभ पहुँचाया जा रहा है। उनपर स्पष्ट आरोप के बावजूद उन्हें इस संस्थान के उपाधीक्षक से अधीक्षक बना दिया गया।

बाध्य होकर तथा संबंधित सरकारी अधिकारियों से कोई कार्रवाई की अपेक्षा नहीं दिखने पर शिवप्रकाश राय, नागरिक अधिकार मंच की तरफ से अपने विद्वान अधिवक्ता दीनू कुमार के माध्यम से माननीय पटना उच्च न्यायालय में इस मामले की विस्तृत जाँच निगरानी से कराने हेतु तथा डॉ. संतोष कुमार द्वारा आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले को आर्थिक अपराध शाखा के द्वारा जाँच करने हेतु एक जनहित याचिका दायर किया था।  वृहस्पतिवार को इस मामले की सुनवाई माननीय पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश महोदय के बेंच में हुई, जिसमें राज्य सरकार को सभी तथ्यों के मौजूद होने के बावजूद आरोपी पर कार्रवाई नहीं करने के कारण फटकार लगाई गई तथा आगामी मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर जवाब देने को कहा गया है।

आलोक कुमार

मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।

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