बिहार में क्रिसमस मिलन समारोह |
झारखंड में परम्रागत ढंग से नृत्य पेशगी |
पटना। आगमन काल का चौथा रविवार 20 दिसम्बर को था। इस तरह बालक येसु के आगमन काल खत्म हो गया। बस अब चंद दिन ही बाकी है। राजाओं का राजा बालक येसु का जन्म 24 दिसम्बर के मध्यरात्रि में होगा। दुनियाभर के ईसाई समुदाय गौशाला में जन्म लेने वाले बालक के समक्ष सिर झुकाएंगे और दण्डवत करेंगे। बालक येसु के पास निष्कलंक माता मरियम और पालक पिता संत जोसेफ भी रहेंगे। चरवाहे भी रहेंगे। तीन राजा भी बालक येसु का दर्शन करने आएंगे। अभी से ही लोग क्रिसमस मूड में आ गए हैं। सजावज जोरों पर है। सांता को बुला लिया गया है। सांता बच्चों को उपहार देंगे। क्रिसमस ट्री भी सजाया जा रहा है। क्रिसमस स्टार भी लगाया जा रहा है। कुल मिलाकर बालक येसु को धरती पर लाने की तैयारी है। हालांकि 2015 से ही ईसा मसीह पल-पल लोगों के बीच में विराजमान रहते हैं। इस बार का जन्म दिन खास है। पोप फ्रांसिस ने धन्य घोषित मदर तेरेसा को संत की उपाधि देने की हरी झंडी दे रखी है। अगले साल सितम्बर माह में मदर तेरेसा संत घोषित हो जाएगी। इसको लेकर भी ईसाई समुदाय को हर्ष व्याप्त है। बिहारियों को अधिक भी है। पटना सिटी में रहकर नर्सिंग की हैं।
आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा, दीघा घाट,पटना।
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