Thursday, 7 January 2016

100 साल से अबाध था बिन्द टोली


110 साल की सहोदरी देवी ने खुरपी से ईंट निकाली
30 साल लीज पर रहेंगे लोग

पटना। पटना सदर प्रखंड के अन्तर्गत बिन्द टोली। बिन्द जाति के लोग 100 साल से रहते आ रहे हैं। पूर्व मध्य रेलवे परियोजना तहत एप्रोच रोड निर्माण करना है। सो बिन्द जाति के लोगों को विस्थापित किया जा रहा है। 
एनजीओ और सामाजिक कार्यकर्ता मांग करते हैं कि विस्थापन के पहले पुनवार्सित किया जाए। तो जिला प्रशासन ने जमीन की पहचान कर कुर्जी मोड़ से आगे कुर्जी दियारा क्षेत्र में विस्थापितों को पुनवार्सित कर दिया है। 30 साल की लीज पर 3 डिसमिल जमीन परिवार वालों को दिया गया है। यहां पर एक डिसमिल की कीमत 12 लाख रू0 है।

जिला प्रशासन ने हफ्ताभर का समय दिया है। फिर भी पुलिसिया दबाव जारी है कि लोग जल्द से जल्द बिन्द टोली को खाली कर दें। समान ढोने के लिए कई ट्रैक्टरों को भी झोंका गया है। ट्रैक्टरों से समान ढुलाने की व्यवस्था से लाभ उठाने का प्रयास जारी है। विधवा सहोदरी देवी के पतिदेव गुरूदयाल महतो की मौत हो चुकी है। दोनों के पांच पुत्र हैं। इनका नाम शिवलगन महतो,देवलगन महतो,राजेन्द्र महतो,राजकुमार महतो और बैजनाथ महतो है। शिवलगन महतो के 5,देवलगन महतो के 4,राजेन्द्र महतो के 4,राजकुमार महतो के 4 और बैजनाथ महतो के 3 पुत्र हैं। इन 18 भाइयों के सैकड़ों संतान हैं। कर दी गयी है। विधवा सहोदरी देवी 110 साल की हैं। बच्चे और सयानों के साथ 110 साल की विधवा सहोदरी देवी भी समान समेटने में लगी है। खुरपी के सहारे ईंट निकाल रही हैं। इसी टैक्ट्रर में भरकर समान कुर्जी मोड़ बिन्द टोली में लाया जा रहा है। 

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।


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