Friday 8 January 2016

कमर के नीचे जुसी के नियत्रंण में नहीं है अंग


                                     
 कमर से ऊपर वाले अंगों से कार्य करना चाहती है जुसी

हर गुण से भरी है जुसी

पटना। कमर के नीचे से जुसी कुमारी का अंगों पर नियत्रंण नहीं है। वह चल नहीं सकती है केवल बैठी ही रहती हैं। अगर इधर-उधर जाना है तो शरीर को घसीटकर जाती है। इस जिल्लतभरी जिदंगी से बाहर निकालने का प्रयास परिवार वालों ने किया है। सबसे बड़ा रूपया बाधक बन जाता है। फिर भी कोई कसर नहीं छोड़े हैं। हर गुण से भरी है जुसी कुमारी।बिटिया की मां कहती हैं। वह सिलाई-कटाई जानती हैं। चित्रकारी भी कर लेती हैं। स्वेटर भी बुन लेती हैं। आईटीआई से सिलाई-कटाई की प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली पड़ोसी दीदी स्वेटर सीखने आती हैं जुसी से। कोई उपकारक व्यक्ति की तलाश है। जो गुणों से परिपूर्ण बिटिया को पंख लगाकर उड़ने लायक बना देते। अपनी मां की बात को कारगर करके जुसी कहती हैं कि मैं जरूर विकलांग हूं। मगर सामान्य व्यक्ति की तरह रहती हूं और सोचती हूं। कमर के नीचे शरीर कार्यशील नहीं है। भगवान ने कमर से ऊपर क्रियाशील रखा है। अब उसी का प्रयोग 2016 में करूंगी। हाथ वाली सिलाई मशीन की जरूरत है। उसी मशीन से किस्मत चमकाने का कार्य करेंगी। बस किसी को सहायक बनना है।

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।



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