Wednesday, 6 January 2016

रामधीरज महतो का कहना है कि दिन में नाम और रात में हुआ गायब

बिन्द टोली से तिनका उठाकर झोपड़ी बनाने की कवायद शुरू करेंगे

प्रशासन द्वारा बिजली खंभा लगाया जा रहा है

पटना। कुर्जी दियारा क्षेत्र में 205 परिवारों को बसाया जा रहा है। इनमें बिन्द टोली के 186 परिवार और दीघा थाना के सामने सड़क के किनारे रहने वाले 19 परिवारों को 30 साल के लिए लीज पर दी जा रही है। एक परिवार को तीन डिसमिल जमीन दी जा रही है। प्रशासन द्वारा भूमि सीमांकन करने के बाद मिली तीन डिसमिल जमीन पर लोग बांस गाड़ना शुरू कर दिए है।


कई दशक से बिन्द टोली में तिनका जोड़-जोड़कर लोग झोपड़ी बनाए थे। अब झोपड़ी पर वज्रपात होने वाला है। इसके पहले लोग झोपड़ी तोड़ना शुरू कर दिए हैं। अब नये सिरे से तिनका जोड़-जोड़कर झोपड़ी बनाने की कवायद में जुट गए हैं। एक पत्रकार ने कहा कि नेतागीरी के कारण लोगों को लाभ नहीं मिला। तत्कालीन डीएम ने इंदिरा आवास योजना से मकान बनाकर देने का वादा किए थे। वर्तमान डीएम ने 8 फीट मिट्टी भरकर बसाने का वचन दिए थे। आवाजाही करने के लिए पीपापुल भी बनाने को कहे थे। जो वादे के अनुसार पूर्ण नहीं कर सके। अब केवल शौचालय,पेयजल और बिजली की व्यवस्था की जा रही है।


बिन्द टोली में रहने वाले रामधीरज महतो का कहना है कि दिन के उजाले में सूची में नामदर्ज था। रात के अंधेरे में नाम लुफ्त हो गया। इसका मतलब है कि अभी भी प्रशासन द्वारा सूची को दुरूस्त ही नहीं किया गया है। इसके कारण लफड़ा बरकरार है। उन्होंने कहा कि विवाहित दो पुत्र हैं। खुद मियां और बीबी हैं। कायदे से तीन लोगों को जमीन मिलनी चाहिए। अब तो एक को भी नहीं मिल रही है। बिन्द टोली में जमीन का स्वामीत्व बरकरार है। फिर भी लोगों द्वारा इंसाफ नहीं किया गया।

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट, पटना।




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