Wednesday 3 February 2016

प्रथम दिन ही आंदोलनकारियों से दो-दो हाथ करना पड़ा










पहलेजा स्टेशन का नाम बदलना चाहते हैं आंदोलनकारी



पटना। भारत रत्न प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रिमोर्ट दबाकर पाटलिपुत्र स्टेशन का शिलान्यास किये थे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा वर्ष 2006 में रेल-सह-सड़क सेतु निर्माण कार्यारंभ किया गया। आज बुधवार को 10 साल का सपना पूरा हो गया। 75216 पाटलिपुत्र-बरौनी डेमू सवारी गाड़ी 08.55 बजे सुबह पाटलिपुत्र स्टेशन से खुली।प्रथम सवारी गाड़ी में बैठने वालों में पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मंगल पाण्डेय,विधायक नंद किशोर यादव, विधायक नितिन नवीन,विधायक संजीव चौरसिया आदि थे। गंगा नदी के बीच में भाजपाइयों ने हर हर गंगे का नारा भी बुलंद किये।
ऐतिहासिक गांधी मैदान से रिमोर्ट दबाकर शिलान्यास किया गया था पाटलिपुत्र स्टेशन का। वर्ष 2006 में भारत रत्न से सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के करकमलों से रेल-सह-सड़क सेतु का निर्माण कार्य आरंभ किया गया। मौके पर पूर्व रेलमंत्री नीतीश कुमार उपस्थित थे।यह गौरव की बात में है कि पूर्व रेलमंत्री और सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की देखरेख में पाटलिपुत्र स्टेशन का निर्माण हुआ। पाटलिपुत्र स्टेशन से सोनपुर तक रेल लाइन की लम्बाई 14.33 किलोमीटर है। गंगा में ब्रिज की लम्बाई 4.56 किलोमीटर है। इस पर 36 स्पैन बनाया गया है। वहीं जमीन पर 46 स्पैन बनाया गया है। ब्रिज का काम इस्कॉन इंटरनेशनल लिमिटेड कम्पनी ने किया। दोनों साइड मिलाकर 1000 से अधिक मजदूर व करीब 75 इंजीनियर लगे थे।सड़क डबल लेन,चौड़ाई 9.07 मीटर है।पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ए के मित्तल के बारम्बार आश्वासन देने के बाद आखिकार पाटलिपुत्र स्टेशन को चालू किया गया। और तो और उत्तर-दक्षिण बिहार का मिलन भी हो गया। गंगा सेतु से प्रथम गाड़ी रवाना हो गयी। पाटलिपुत्र और सोनपुर के बीच पांच जोड़ी ट्रेनें,पाटलिपुत्र और मुजफ्फरपुर के बीच तीन जोड़ी, पाटलिपुत्र और बरौनी के बीच एक जोड़ी,पाटलिपुत्र और नरकटियागंज के बीच तीन जोड़ी,पाटलिपुत्र और रक्सौल के बीच एक जोड़ी एवं पाटलिपुत्र और छपरा के बीच में एक जोड़ी तथा पाटलिपुत्र और गोरखपुर के बीच दो जोड़ी ट्रेने उपलब्ध होगी। इस तरह पाटलिपुत्र से बेतिया एवं मोतिहारी के लिए तीन जोड़ी ट्रेन उपलब्ध होगी। 
पाटलिपुत्र स्टेशन की खासियत है कि वह आगे बढ़कर ट्रैक को विभक्त कर दिया गया है। एक दानापुर और द्वितीय पटना जंक्शन की ओर चला जाएगा। पूर्व मध्य रेलवे अधिकारियों का प्रयास रहा कि पाटलिपुत्र स्टेशन को चालू कर दिया जाए। 
पूर्व मध्य रेलवे के द्वारा जंक्शन बनाया गया है। वहां पर समाज के किनारे ठहर गए लोगों ने झोपड़ी बना दी थी। इन झोपड़पट्टी में रहने वाले 400 परिवार के लोगों को दीघा नहर के किनारे ढकेल दिया गया। इस जगह पर खदेड़ देने के बाद दीवार खड़ी कर दी गयी है। रेलवे अधिकारी नहीं चाहते हैं कि जमीन और झोपड़ी से विस्थापित लोगों को पुनर्वास करने की व्यवस्था करें। किसी तरह से लोगों को तंग कर दें ताकि खुद ही जमीन और झोपड़ी छोड़कर नौ दो ग्यारह हो जाए। वहीं दीघा बिन्द टोली के 207 विस्थापित लोगों को कुर्जी मोड़ से आगे पुनर्वासित कर दिया गया है। सभी विस्थापितों को 3 डिसमिल जमीन दी गयी है।



आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।
   


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