पहलेजा स्टेशन का नाम बदलना चाहते हैं आंदोलनकारी
पटना। भारत रत्न प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रिमोर्ट दबाकर पाटलिपुत्र स्टेशन का शिलान्यास किये थे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा वर्ष 2006 में रेल-सह-सड़क सेतु निर्माण कार्यारंभ किया गया। आज बुधवार को 10 साल का सपना पूरा हो गया। 75216 पाटलिपुत्र-बरौनी डेमू सवारी गाड़ी 08.55 बजे सुबह पाटलिपुत्र स्टेशन से खुली।प्रथम सवारी गाड़ी में बैठने वालों में पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मंगल पाण्डेय,विधायक नंद किशोर यादव, विधायक नितिन नवीन,विधायक संजीव चौरसिया आदि थे। गंगा नदी के बीच में भाजपाइयों ने हर हर गंगे का नारा भी बुलंद किये।
पाटलिपुत्र स्टेशन की खासियत है कि वह आगे बढ़कर ट्रैक को विभक्त कर दिया गया है। एक दानापुर और द्वितीय पटना जंक्शन की ओर चला जाएगा। पूर्व मध्य रेलवे अधिकारियों का प्रयास रहा कि पाटलिपुत्र स्टेशन को चालू कर दिया जाए।
पूर्व मध्य रेलवे के द्वारा जंक्शन बनाया गया है। वहां पर समाज के किनारे ठहर गए लोगों ने झोपड़ी बना दी थी। इन झोपड़पट्टी में रहने वाले 400 परिवार के लोगों को दीघा नहर के किनारे ढकेल दिया गया। इस जगह पर खदेड़ देने के बाद दीवार खड़ी कर दी गयी है। रेलवे अधिकारी नहीं चाहते हैं कि जमीन और झोपड़ी से विस्थापित लोगों को पुनर्वास करने की व्यवस्था करें। किसी तरह से लोगों को तंग कर दें ताकि खुद ही जमीन और झोपड़ी छोड़कर नौ दो ग्यारह हो जाए। वहीं दीघा बिन्द टोली के 207 विस्थापित लोगों को कुर्जी मोड़ से आगे पुनर्वासित कर दिया गया है। सभी विस्थापितों को 3 डिसमिल जमीन दी गयी है।
आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।
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